Bihar: बागियों की एंट्री से होगा सियासी उलटफेर!
Change in Bihar Politics: बिहार की राजनीति में कुछ दिन पहले तक हॉट सीट रही हाजीपुर का मामला शांत पड़ा ही था कि पूर्णियां से पप्पू यादव के बगावती तेवरों ने अब पूर्णियां में सियासी समीकरण बदल दिए हैं. कमोवेश यही हाल काराकाट पर पवन सिंह के आने से और हिना शहाब के सिवान में निर्दलीय प्रत्याशी का दावा करने से हो गया है.
बिहार का राजनीति में अलग ही स्वैग है. 40 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य की सियासी ख़बरें राजनीति के राष्ट्रीय पटल पर छाई रहती हैं. अन्य प्रदेशों के लोग भी यहां की राजनीति में खासी रूचि रखते हैं. बाद अगर बिहार की करें तो यहां इस समय तीन सियासी सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की पूरी उम्मीद है. हालांकि इनमें से एक सीट पर आरजेडी ने अभी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है.
पहले बात पूर्णियां की करते हैं. यहां आरजेडी की बीमा भारती और एनडीए ने संतोष कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. संतोष कुशवाहा जेडीयू पार्टी से हैं. वैसे तो पप्पू यादव ने पूरी कोशिश की उन्हें महागठंबधन की ओर से टिकट मिल जाए. उन्होंने इसके लिए लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की. इसके बाद अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया लेकिन बात नहीं बनीं.
वहीं पप्पू यादव भी ठान कर बैठे थे कि वो चुनाव लड़ेंगे तो पूर्णियां से ही. इसी के चलते उन्होंने पूर्णियां से चार अप्रैल को निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया. अब इससे जेडीयू छोड़कर आईं बीमा भारती के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. क्योंकि सियासी समीकरण देंखे तो आरजेडी और पप्पू यादव का वोट बैंक लगभग एक ही है. ऐसे में यहां जेडीयू के संतोष कुशवाहा को फायदा हो सकता है.
बात अगर काराकाट की करें तो यहां से एनडीए की ओर से राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा उम्मीदवार हैं. वहीं उनके विरोध में इंडी गठबधंन स भाकपा माले के राजाराम सिंह उम्मीदवार हैं. अभी तक मुकाबला सीधे तौर पर इन दोनों के बीच ही देखा जा रहा था लेकिन अब भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह ने भी इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल एनडीए के उपेंद्र कुशवाहा को हो सकती है.
बात अगर सिवान की करें तो शाहबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. सूत्रों की मानें तो आरजेडी उन्हें मनाने का प्रयास कर रही है लेकिन वह आरजेडी के साथ जाने के मूड में नहीं हैं. इधर पप्पू यादव ने भी हिना का समर्थन किया तो हिना ने भी उन्हें गार्जियन बताने से गुरेज नहीं किया. आरजेडी ने अभी तक इस सीट से प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. मामला सिर्फ सीट तक नहीं सिमटता. इसी सीट के पास सारण सीट है. जहां से लालू यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्या चुनावी मैदान में हैं. माना जाता है कि हिना शहाब के शौहर शाहबुद्दीन की यहां भी अच्छी पेंठ रही है. ऐसे में अगर उन्होंने यहां भी आरजेडी का विरोध किया तो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
बात अगर चौथे उम्मीदवार की करें तो फिलहाल उनके बारे में सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं. कयास भी इसलिए क्योंकि उन्होंने बक्सर में बगावती तेवर दिखाए. नाम है बीजेपी सांसद अश्वनी चौबे का. इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट कर मिथलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है. एक बयान में अश्वनी चौबे ने जब बीजेपी को अपनी मां बताया और बोला कि पार्टी ने जो दिया है बहुत दिया है तो मामला ठंडा पड़ गया.
वहीं शुक्रवार को अश्वनी चौबे एक सभा मे शेर की तरह दहाड़ते दिखे. उन्होंने कहा मैं बक्सर में ही रहूंगा. वह हुंकार भरते नजर आए कि अश्वनी चौबे का सिर्फ एक ही विकल्प है वो खुद अश्वनी चौबे ही है. यहां तक कि उनका बेटा या बहू भी उनका विकल्प नहीं हैं. वहीं राजनीतिक गलियारों में अश्वनी चौबे और आरजेडी की नजदीकियों की भी चर्चा है. ऐसे में अगर अश्वनी चौबे चुनावी मैदान में उतरे तो ये झटका एनडीए को लगने की पूरी उम्मीद है.
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