पंजाब सरकार के प्रयासों से रेशम उद्योग हो रहा है विकसित

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Chandigarh : पंजाब सरकार के प्रयासों से रेशम उद्योग हो रहा है विकसित

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Chandigarh : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार प्रदेश में रेशम की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए बागवानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत के निर्देशों के तहत राज्य ने रेशम उत्पादन में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस पहल का उद्देश्य किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठाना और राज्य की आर्थिक संरचना को और अधिक मजबूत करना है।

एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, किसान भवन, चंडीगढ़ में ‘सिल्क मार्क एक्सपो 2024’ का आयोजन किया गया। मंत्री मोहिंदर भगत द्वारा उद्घाटन किए गए इस कार्यक्रम ने रेशम की खेती के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाया और देशभर के कारीगरों और व्यापारियों को एक मंच प्रदान किया। इस अवसर पर मंत्री ने “पंजाब में रेशम की खेती की यात्रा” शीर्षक से एक ब्रोशर भी जारी किया, जिसमें इस क्षेत्र के विकास और उपलब्धियों को दर्शाया गया।

कोकून की कीमत 1,250 रुपये प्रति किलोग्राम हुई

मंत्री मोहिंदर भगत ने रेशम की खेती के माध्यम से ग्रामीण सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में बताते हुए कहा कि सरकारी प्रयासों से पंजाब में कोकून की कीमत 550 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1,250 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जिससे रेशम की खेती करने वाले किसानों, विशेष रूप से इस क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कोकून का वार्षिक उत्पादन 29,000 किलोग्राम तक पहुंच गया है। डलहौजी में रेशमकीट बीज उत्पादन केंद्र की पुनः सक्रियता का उद्देश्य किसानों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और उन्हें कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले रेशमकीट बीज उपलब्ध कराना है।

राज्य को किया गया सम्मानित

उन्होंने उल्लेख किया कि राज्य को स्कॉच नेशनल अवार्ड 2024 में “रेशम की खेती के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास” परियोजना के लिए सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास पर इसके सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।

मंत्री मोहिंदर भगत ने आगे बताया कि पंजाब सरकार जल्द ही एक विशेष “पंजाब सिल्क” ब्रांड लॉन्च करेगी। रेशम रीलींग यूनिटों और कोकून भंडारण सुविधाओं की स्थापना की योजना भी बनाई जा रही है, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके। राज्य सरकार की ये पहल रेशम की खेती को बढ़ावा देने, ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और पंजाब में रेशम उत्पादन के क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

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