
Chandigarh News : हरियाणा आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है. हरियाणा बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में दोषियों को मात्र छह महीनों में सजा दिलाने वाला अग्रणी राज्य बन गया है. अब तक 140 से अधिक दोषियों को आजीवन कारावास और अन्य कठोर सजाएँ सुनाई गईं.
अपराध की जांच से लेकर ट्रायल तक हर चरण में डिजिटल तकनीक अपनाई जा रही है. समन, ई-साक्ष्य और अन्य दस्तावेज अब इलेक्ट्रॉनिक रूप में भेजे और स्वीकार किए जा रहे हैं. अब तक 54,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को आधुनिक कानूनों, तकनीकों और एप्स का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. ‘न्याय तक त्वरित पहुंच’ कार्यक्रम के तहत हर कर्मी को सक्षम बनाया जा रहा है.
गवाहों को डर और दबाव से मुक्त वातावरण मिला
गवाहों के बयान अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज किए जा रहे हैं. इससे गवाहों को डर और दबाव से मुक्त वातावरण मिला है. पोस्टमार्टम और मेडिकल लीगल रिपोर्ट (MLR) अब सात दिन के भीतर डिजिटल रूप में दर्ज और उपलब्ध कराई जा रही हैं. वीडियो रिकॉर्डिंग और डिजिटल प्रमाणों का इस्तेमाल बढ़ा है.
महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही
फोरेंसिक साइंस, डिजिटल फिंगरप्रिंट सिस्टम और (NCRB) डेटा का व्यापक उपयोग हो रहा है. केस सुलझाने में तकनीकी दक्षता बढ़ी है. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर सख्त कार्रवाई के साथ हर जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ स्थापित. विशेष अभियानों के जरिए महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.
सरकारी खर्च में भी उल्लेखनीय बचत हुई
हरियाणा पुलिस ने ई-समन और ई-साक्ष्य को लागू कर 91.37% समन इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किए. डिजिटल एफआईआर और ई-मोबाइल पोस्टमार्टम रिपोर्टिंग की शुरुआत की गई है. मोबाइल फॉरेंसिक वैन, साइबर क्राइम टेक्नोलॉजी और NAFIS सिस्टम का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है. अपराध नियंत्रण के साथ-साथ सरकारी खर्च में भी उल्लेखनीय बचत हुई है.
पारदर्शी बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा सरकार कानून व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है. तकनीक और नवाचार के साथ त्वरित व सुलभ न्याय सुनिश्चित किया जा रहा है.
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