हरजोत बैंस ने सुखविंदर सुक्खू को लिखा पत्र, हिमाचल प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों से हो रहे प्रदूषण पर त्वरित कार्रवाई की मांग की

पंजाब के शिक्षा मंत्री और आनंदपुर साहिब से विधायक हरजोत सिंह बैंस
Chandigarh : पंजाब के जल स्रोतों में हिमाचल प्रदेश (एचपी) की औद्योगिक इकाइयों द्वारा छोड़े जा रहे कचरे के कारण हो रहे प्रदूषण को लेकर पंजाब के शिक्षा मंत्री और आनंदपुर साहिब से विधायक हरजोत सिंह बैंस ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर इस पर्यावरणीय और जनस्वास्थ्य संबंधी समस्या पर सख्त एवं त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है।
बैंस ने इस गंभीर मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के अध्यक्ष और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सदस्य सचिव को भी पत्र लिखा है ताकि पंजाब, विशेष रूप से उनके विधानसभा क्षेत्र आनंदपुर साहिब में जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
परीक्षणों में औद्योगिक कचरे की पुष्टि, गंभीर खतरे की चेतावनी
अपने पत्र में, हरजोत बैंस ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) द्वारा किए गए परीक्षणों के परिणामों को उजागर किया, जिनमें यह सामने आया कि हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाला जहरीला कचरा स्वां और बर्माला खड्ड के माध्यम से सतलुज नदी में मिल रहा है। उन्होंने इस समस्या की गंभीरता को रेखांकित करते हुए बर्माला खड्ड में हुई वन्य सूअरों की मौत का भी उल्लेख किया, जो दूषित जल के सेवन से हुई थी। यह अनियंत्रित प्रदूषण न केवल सतलुज नदी के जल को दूषित कर रहा है, बल्कि स्थानीय आबादी के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट भी उत्पन्न कर रहा है।
हिमाचल के सीएम से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की अपील
हरजोत सिंह बैंस ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में PPCB की रिपोर्टों और आनंदपुर साहिब के निवासियों द्वारा की गई कई शिकायतों का हवाला देते हुए, बिना शोधन किए जा रहे अपशिष्ट जल के निष्कासन को तुरंत रोकने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने इस पर्यावरणीय खतरे को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
एनजीटी से प्रदूषणकारी उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
एनजीटी को लिखे पत्र में, हरजोत बैंस ने पंजाब के पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने और जनता के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रदूषणकारी उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करने वाली औद्योगिक इकाइयों को तत्काल बंद करने की मांग की। साथ ही, उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार को कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए निर्देश जारी करने और स्वां नदी, बर्माला खड्ड और सतलुज नदी के प्रभावित जल क्षेत्रों की निगरानी व उपचार सुनिश्चित करने की भी मांग की।
सीपीसीबी से व्यापक निरीक्षण एवं कड़े दंडात्मक कदम उठाने की अपील
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सदस्य सचिव को लिखे पत्र में, स. बैंस ने हिमाचल प्रदेश के बठारी और गोलथाई औद्योगिक क्षेत्रों की व्यापक जांच और वहां से स्वां व बर्माला खड्ड में छोड़े जा रहे बिना शोधित औद्योगिक कचरे को तत्काल रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने सीपीसीबी से पर्यावरणीय मानकों को कड़ाई से लागू करने और नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों पर दंडात्मक कार्रवाई करने एवं प्रभावित क्षेत्रों में दीर्घकालिक पुनर्वास उपाय लागू करने की मांग की।
“नदियां पंजाब की जीवन रेखा हैं, इन्हें बचाना जरूरी”
हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “नदियां पंजाब की जीवन रेखा हैं, और उनका प्रदूषण न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य बल्कि कृषि और जैव विविधता के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। अब समय आ गया है कि हम इस खतरे को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करें।” उन्होंने इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों और सरकारों से त्वरित और प्रभावी समाधान निकालने की अपील की।
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