कैप्टन ने खुद के भीतर के ‘सेक्युलर अमरिंदर’ को मार दिया- हरीश रावत

Harish Rawat
चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नई पार्टी बनाने का ऐलान करने के बाद प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने हमला बोला है। कैप्टन ने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वो जल्द ही नई पार्टी बनाएंगे। साथ ही अगर किसानों के मुद्दे पर हल निकल जाता है तो वो बीजेपी के साथ गठबंधन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
इसी ऐलान के बाद पंजाब प्रभारी समेत कई कांग्रेसी नेता कैप्टन पर निशाना साध रहे हैं।
बीजेपी को कोई कैसे माफ़ कर सकता है- रावत
हरीश रावत ने अमरिंदर के इस फैसले पर दिल्ली में कहा, “दस महीने से किसानों को बॉर्डर पर बिठाए रखने वाली बीजेपी को कौन माफ़ कर सकता है? क्या पंजाब उन्हें माफ़ कर सकता है? उनका बयान हैरान करने वाला है। लगता है कि उन्होंने अपने भीतर मौजूद ‘सेक्युलर’ अमरिंदर को मार दिया है।”

इसके अलावा पंजाब सरकार की ओर से भी पूर्व मुख्यमंत्री पर तल्ख टिप्पणियां की जा रही हैं।
कैप्टन ने खुद को बर्बाद कर लिया है- रंधावा
पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजींदर सिंह रंधावा ने कहा, कैप्टन ने बीजेपी के साथ गठबंधन करने की बात से खुद को बर्बाद कर लिया है।
रंधावा ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत पर करते हुए कहा, “कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी का साथ देने की घोषणा करके ख़ुद बर्बाद कर लिया है, क्योंकि वे हमेशा उन्हें बुरा-भला कहते रहे थे। बीजेपी को अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ जांच बिठा कर पता करना चाहिए कि वे 1984 में इस्तीफ़ा देने के बाद कहां गायब रहे थे और उनके पाकिस्तान के साथ कैसे संबंध हैं।”

रंधवा ने आगे कहा हो सकता है कि कैप्टन पर कोई दबाव हो क्योंकि उन पर और उनके बच्चों पर कई केस दर्ज हैं।
लेकिन कांग्रेस नेता ने ये भी साफ़ किया कि उन्हें कैप्टन के नई पार्टी बनाने के फैसले से किसी तरह का कोई डर नहीं है।
सुखजिंदर रंधावा से कैप्टन के बीजेपी से हाथ मिलाकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ”अगर उन्हें नुकसान पहुंचाना संभव था तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से क्यों हटाया? हम उनके साथ रहे हैं। हम कैप्टन अमरिंदर सिंह को अरसे से जानते हैं।”
इसके अलावा राज्य के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वढिंग ने भी अमरिंदर के बीजेपी से जूड़ने के फैसले को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि आखिरकार कैप्टन का बीजेपी के लिए प्यार सामने आ ही गया।
गौरतलब है कि बीते दो महीनों में पंजाब की राजनीति में काफ़ी उथल-पुथल रही है। कैप्टन और सिद्धू के बीच की टकरार के बाद उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। जिसके बाद खुद नवजोत सिंह सिद्धू ने भी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। लेकिन दो दिन पहले ही पार्टी से उनकी वापस सुलह हो गई।