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UCO Bank: टेक्निकल इश्यू के कारण ट्रांसफर हुए कुछ खातों में 820 करोड़, सरकार ने साइबर सिस्टम सुधारने की दी राय

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UCO Bank: यूको बैंक में हाल ही में हुई घटना को देखते हुए, वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से अपने डिजिटल संचालन से संबंधित सिस्टम और प्रक्रियाओं की जांच करने को कहा है। मंत्रालय ने बैंकों को सलाह दी है कि वे अपनी साइबर सुरक्षा की क्षमता की जांच करें और उसे मजबूत करने के उपाय करें।

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UCO Bank: बैंको को रखनी होगी कड़ी निगरानी

सूत्रों ने कहा कि बैंकों को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और भविष्य के साइबर खतरों के लिए तैयार रहना चाहिए। वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नियमित रूप से बैंकों को वित्तीय क्षेत्र में बढ़ते डिजिटलीकरण के बारे में जागरूक करते रहे हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक में तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के माध्यम से पिछले हफ्ते कुछ व्यक्तियों के खातों में गलत तरीके से 820 करोड़ रुपये भेजे गए। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) एमपीएस मंच को चलाता है। IMPLS एक प्रणाली है जो दो बैंकों के बीच तत्काल धन हस्तांतरित करती है।

तकनीकी कारण से ट्रंसफर हुए अकांट में पैसे

यूको बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि उसने सक्रियता से कदम उठाकर भुगतान पाने वालों के खातों पर रोक लगा दी और 820 करोड़ रुपये में से 649 करोड़ रुपये की वसूली करने में सक्षम रहा। यह गलत ढंग से भेजी गई रकम का लगभग 79 प्रतिशत है। यूको बैंक ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि क्या मानवीय त्रुटि या “हैकिंग” की कोशिश ने तकनीकी खराबी का कारण बनाया है।

तकनीकी विफलता की जांच

बता  दें, यूको बैंक ने पाया कि 10 से 13 नवंबर के दौरान बैंक के खाताधारकों को टेक्निकल ग्लिच के कारण 820 करोड़ रुपये क्रेडिट किया गया था। लेकिन यूको बैंक ने तुरंत ही उचित कार्रवाई करते हुए पैसे वापस करने का प्रयास किया था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को बैंक ने सूचना दी है कि बैंक ने सुरक्षा उपायों के रूप में उन खातों को ब्लॉक कर दिया है जिनमें गलती से पैसे भेजे गए थे। वहीं, रिजर्व बैंक भी अपने स्तर पर इस तकनीकी विफलता का पता लगाने के लिए जांच कर रहा है।

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