देश का नाम बदलने को लेकर BSP सुप्रीमो मायावती का बयान, कही ये बड़ी बात

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देश के नाम बदलने को लेकर सियासी घमासान लगातार जारी है। इस पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि इस मामले में पक्ष और विपक्ष एक साथ हैं। दोनों की इस मामले में मिलीभगत है। बसपा इसका समर्थन नहीं करती है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले का संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे नाम रखने वाले संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए जो देश के नाम पर बने है। अन्यथा इससे देश की गरिमा को भी काफी ठेस पहुंचेगी। विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा देश के नाम पर की जा रही संकीर्ण राजनीति करने से किसी को भी संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका मिल जाएगा।

क्या है पूरा मामला

देश के नाम इंडिया को लेकर राजनीतिक संग्राम छिड़ गया है। दरअसल विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखे जाने के बाद से ही तरह-तरह की बहस हो रही है। देश का नाम अब इंडिया नहीं भारत ही होगा। इसके लिए बीजेपी नेता संकेत दे रहे हैं तो विपक्षी नेता आरोप लगा रहे हैं। जहां एक तरफ सत्तारूड़ भाजपा के नेता इंडिया नाम को गुलामी का प्रतीक बता रहे हैं। वहीं, इसको लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया हमलावर है।

18 से 22 सितंबर को होने वाले संसद के विशेष अधिवेशन में देश के नाम से इंडिया हटाने को लेकर सरकार कोई विधेयक ला सकती है। दरअसल ये चर्चा जी20 शिखर सम्‍मेलन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भेजे एक निमंत्रण पत्र से तेज़ हुई है। राष्ट्रपति भवन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नौ सितंबर के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।

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