क्या लोकसभा चुनाव में ‘Lakhpati Didi Yojana’ बनेगी भाजपा का सियासी हथियार? जानिए समीकरण
Lakhpati Didi Yojana: लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही समय बाकी है। सभी पार्टियां जीत के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। जनता को साधने के लिए तरह तरह की चुनावी वादे किए जा रहे हैं। लेकिन भाजपा इस लोकसभा चुनाव में नारी शक्ति पर जोर दे रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में ‘लाड़ली बहना योजना’ ने काफी हद तक भाजपा को जीताने में योगदान दिया था। तो वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए भी भाजपा इसी रणनीति पर चलकर जीत हासिल करने की कोशिश कर रही है।
Lakhpati Didi Yojana: गुजरात में भी नारी शक्ति का किया जिक्र
पीएम मोदी आज गुजरात दौरे पर हैं। पीएम ने गुजरात में गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लिया। इस दौरान पीएम ने नारी शक्ति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर की एक विशेषता है, जिस पर बात कम होती है। वह नारी शक्ति है। इस सेक्टर में 70 फीसदी महिलाएं काम करती हैं। पिछला चुनाव जहां भाजपा ने गरीबी, बेरोजगारी पर लड़ा था, तो वहीं इस बार भाजपा नारी सशक्तिकरण पर बार-बार बात कर रही है। चुनावी रणनीतिकार भी मानते हैं कि लखपति दीदी योजना भाजपा के लिए बड़ा हथियार बनेगी।
क्या है लखपति दीदी योजना?
प्रधानमंत्री मोदी देश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘लखपति दीदी योजना’ चला रहे हैं। ये महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने वाली केंद्र की एक महत्वाकांक्षी योजना है। पीएम मोदी ने कहा था कि केंद्र सरकार का लक्ष्य 2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का है। हालांकि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत 2025 तक प्रत्येक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से कम से कम एक महिला की वार्षिक आय को कम से कम 1 लाख रुपये तक बढ़ाकर लखपति बनाने की कोशिश है।
ग्रामीण महिलाओं पर है फोकस
बता दें कि यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। इसका लक्ष्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं का स्वयं सहायता समूह से जुड़ा होना आवश्यक है। जानकारी के लिए बता दें कि इस समय देश में 83 लाख स्वयं सहायता समूह हैं। जिससे करोड़ों महिलाएं जुड़ी हैं।
कैसे महिलाएं बनेगी लखपति?
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। महिलाओं को एलईडी बल्ब बनाने से लेकर ट्रेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की जानकारी दी जाती है। इस योजना के तहत सरकार भी महिलाओं को सशक्त करने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपए तक की ब्याजमुक्त मदद करती है। यही नहीं, सरकार की तरफ से महिलाओं को मार्केट सपोर्ट भी दिया जाता है।
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