Kashmir: बना रहे कश्मीर की हसीन वादियां देखने का प्लान तो ठंड से रहें सावधान

Bitter Cold in Kashmir

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Bitter Cold in Kashmir: यूं तो कश्मीर की वादियों में मौसम हमेशा सर्द ही रहता है लेकिन यदि आप हाल फिलहाल के दिनों में कश्मीर की वादियों का लुत्फ लेने का प्लान बना रहे हैं तो आपको सावाधान होने की जरूरत है। यह सावधानी किसी और के प्रति नहीं बल्कि ठंड के प्रति बरतनी होगी। दरअसल कश्मीर में चिल्लई कलां(साल के वो 40 दिन जब सबसे अधिक ठंड पड़ती है) शुरु हो चुका है।

Bitter Cold in Kashmir: रखना होगा खास ख्याल

ऐसे में यदि आप देश के किसी अन्य हिस्से से इन खूबसूरत वादियों को देखने आ रहे हैं तो ठंड के हिसाब से अतरिक्त इंतजाम करने होंगे। खासकर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. सांस के मरीजों के लिए भी यह ठंड घातक हो सकती है।

गुरुवार से शुरू चिल्लई कलां

कश्मीर में सर्दियों की 40 दिनों की सबसे कठोर अवधि, जिसे चिल्लई कलां के नाम से जाना जाता है, गुरुवार से शुरू हो गई है, जिसमें पूरी घाटी में रात का तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है। यह हालात 31 जनवरी 2024 तक रहेंगे.

एक दिन पहले की तापमान माइनस से काफी नीचे

सबसे कठोर सर्दियों की अवधि की शुरुआत से एक दिन पहले ही घाटी के लगभग सभी स्थलों पर तापमान शून्य से नीचे गिर गया है। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में तापमान माइनस 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पहलगाम में न्यूनतम तापमान -6.3 डिग्री सेल्सियस, गुलमर्ग के प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट में न्यूनतम तापमान -4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हाड़ कंपाने वाली ठंड के बीच, स्थानीय मौसम विशेषज्ञ ने 28 दिसंबर तक शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है।

23 दिसंबर से वर्फबारी का अनुमान

22 दिसंबर तक मौसम आम तौर पर शुष्क रहने की उम्मीद है, 23 दिसंबर को आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और अलग-अलग ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। चिकित्सकों ने बच्चों और वृद्धों को सलाह दी है कि वे घरों में ही रहें।  अनावश्यक घर से बाहर न आएं और शीत लहर से बचने के लिए मास्क का प्रयोग करें और जरूरत के अनुसार गर्म कपड़े पहनें।

रिपोर्टः मोहम्मद मुकर्रम, संवाददाता, कश्मीर

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