Bihar: देश स्तर पर पहचान बनाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग, जांच में पास होने पर मिलेगा 1 करोड़ का पुरस्कार

सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सकों की लापरवाही बिहार को चर्चा में बनाए रखती हैं। इन सब के बीच बिहार का एक ऐसा भी अस्पताल है जो राज्य का नंबर वन अस्पताल होने के साथ अब देश स्तर पर अपनी पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए अलग से तैयारी कर रहा था।
दो दिनों तक किया जायेगा अस्पतालों का निरिक्षण
बेगूसराय सदर अस्पताल के प्रशासी पदाधिकारी संजय सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय से एक टीम भेजी जा रही है जो दो दिनों तक 3200 सूचकांक पर अस्पताल की ओटी, लेवर रूम, विभिन्न रोगी वार्ड, पैथोलैब, साफ-सफाई, ब्लड बैंक, पार्किंग, कैंटीन, फिजियोथैरेपी और एचआईवी जांच केंद्र की जांच करेगी। डॉ. जगजीत सिंह और डॉ. विकास पांडेय, जो पूर्व पटना से आए हैं, सदर अस्पताल में जांच टीम के साथ पहुंचे हैं।
केंद्रीय जांच टीम के दो वरीय चिकित्सक दो दिनों तक गहन मूल्यांकन में लगाए गए हैं, ताकि पूर्व तैयारी में कोई कमी न रहे। यदि निरीक्षण के दौरान कोई कमी नजर आती है, तो उसे दूर करने की सलाह देते हैं।देशव्यापी पहचान बनाने की तैयारीयों में जुटा हुआ है। इस माह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम एनक्वास की जांच करने पहुंच रही है। परीक्षा के बाद मानकों को पूरा करने पर बेगूसराय का सदर अस्पताल देश के शीर्ष दस अस्पतालों में शामिल हो जाएगा।
टॉप टेन अस्पताल की ग्रेडिंग में आने पर मिलेगा पुरस्कार
डॉ. विकास पांडेय ने कहा कि इस बार केंद्रीय टीम बहुत कठोर जांच करेगी क्योंकि सदर अस्पताल पहले ही पहला स्थान हासिल कर चुका है। देखना ये है की तीन वर्षों में सदर अस्पताल में बदलाव के किस स्तर पर हुआ है। बता दें कि एनक्वास से प्रमाणित बिहार का एक मात्र अस्पताल बछवाड़ा पीएचसी है। केंद्र सरकार के स्वास्थ मंत्रालय ने सदर अस्पताल को देश के शीर्ष दस अस्पताल की श्रेणी में स्थानांतरित करने पर एक करोड़ रुपये का पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा।