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देश के इस राज्य में होती है 102 सालों से महिलाओं की अनोखी कुश्ती, पुरुषों को नहीं दी जाती Entry

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में कजली के त्यौहार में एक अजीब नजारा दिखाई दिया यहां घूंघट वाली महिलाओ ने दंगल में खूब दाव पेच आजमाए। बूढ़ी महिला के ढोल बजाने के साथ ही अखाड़े मे डेढ़ दर्जन से अधिक महिलाएं अखाड़े में उतरी और कई राउंड कुश्तियां हुईं। जिसमें कुश्ती जीतने वाली महिलाओं को महिला ग्राम प्रधान ने ईनाम देकर सम्मानित भी किया। वही इस अनोखे अखाड़े से पुरुषों को दूर रखने के लिए महिलाएं लाठी डंडे से लैस होकर पहरा देती भी नजर आई।

कजली उत्सव में आयोजित इस कार्यक्रम में पहले महिलाओं ने तालाब में कजली विसर्जन कीं उसके बाद दंगल में इकट्ठा होकर अपनी परंपरा का निर्वाहन करते हुए कुश्ती की कला का प्रदर्शन किया।जिसमें खुशबू पाल और गोरीबाई की कुश्ती में खुशबू पाल ने बाजी मारी ,रानी भुर्जी और केशर के बीच हुई कुश्ती में केशर ने बाजी मारी ,कुसमा पाल और अनुसुइया पाल में कुसुमा पाल जीतीं ,वहीं निशा और विद्या देवी की कुश्ती में विद्या देवी ने बाजी मारी।20 से अधिक हुई कुश्तियों में आयोजकों द्वारा प्रतिभागी महिलाओं को आकर्षक पुरुष्कार देते हुये उनका मुंह मीठा करवाया गया।

जिले के बिवांर थाना क्षेत्र के लोदीपुर निवादा गांव की पुरानी बाजार में सन 1920 से महिलाओ की कुश्ती की शुरुआत हुई थी, हर साल की तरह इस बार भी महिलाओं के दंगल को आयोजित किया गया जिसे गांव की महिला ग्राम प्रधान गिरजा देवी ने दो महिलाओं को हाथ मिलवाकर कुश्ती का शुभारंभ कराया। अखाड़े में महिलाओं की 20 कुश्तियां कराई गईं। जिसमें घूंघट वाली तमाम महिलाओं की गुत्थमगुत्था देख उनका जोशबढाने के लिए किशोरियां और महिलाएं ताली बजती नजर आयी,इस अनोखे दंगल में कई बुजुर्ग महिलाएं भी घूंघट वाली महिलाओं से भिड़ कर उनको पटखनी देती नजर आई।

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