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आज शनि अमावस्या के कुछ उपाय करेंगे मालामाल,मिलेगी शनि के साढ़ेसाती से मुक्ति

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Shani Amavasya 2022: शनि अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा -अर्चना करने से विशेष लाभ मिलता है। शनि अमावस्या (Shani Amavasya Ke Upay) की रात को कुछ उपाय करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शनि अमावस्या
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प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा होता है, तो वहीं कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन अमावस्या तिथि आती है। वैशाख महीने की शनि अमावस्या (Shani Amavasya) आज 30 अप्रैल दिन शनिवार को है। ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से इस तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा -अर्चना करने से विशेष लाभ मिलता है। शनि अमावस्या के उपाय (Shani Amavasya Ke Upay) रात को करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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Shani Amavasya: जानिए शनि अमावस्या का सही समय

वैशाख अमावस्या तिथि 30 अप्रैल को दोपहर 12:57 पर शुरु हुई है, जो 01 मई रविवार को दोपहर 01:57 तक रहेगी। ज्योतिष की मानें तो तो अमावस्या के दिन अगर शनिवार आ जाए तो अमावस्या का महत्व काफी बढ़ा जाता है।

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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत पाने के लिए करें ये आसान उपाय

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए और पीड़ा से राहत पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन प्रातः स्नान के बाद शनि देव की पूजा करें और उनको नीले फूल, शमी का पत्ता, काला तिल, सरसों का तेल आदि अर्पित करें। फिर शनि चालीसा का पाठ करें। पूजा के अंत में शनि देव की आरती करें। 

शनि अमावस्या के दिन निम्न उपाय को करने से जीवन के कष्ट दूर होंगे (Shani Amavasya Ke Upay)

आर्थिक तंगी की समस्या से परेशान हैं तो शनि अमावस्या की रात को शनि मंदिर में जाएं। शनिदेव के आगे 9 दीपक जलाएं। इसके बाद पीपल के पेड़ की 9 बार परिक्रमा करें। साथ ही किसी गरीब व्यक्ति को दान करें। ऐसा करने से आपके शनिदेव का खास आशीर्वाद प्राप्त होगा। 

अगर आपकी नौकरी नहीं लग रही है और आप बेरोजगारी की समस्या से परेशान हैं तो सुबह एक नींबू लें और उसे मंदिर में रख दें। इसके बाद रात में अपने ऊपर से सात बार वार लें। इस नींबू को किसी चौराहे पर जाकर इसे चार भागों में बांट लें फिर इसे चारों दिशाओं में फेंककर घर आ जाए। ध्यान रहे ऐसा करते हुए को आपको टोके ना। साथ ही इसके बाद चुपचाप घर आ जाए और पीछे मुड़कर ना देखें।

इस दिन शनि के बीज मंत्रों और शनि की वस्तुओं का दान करना चाहिए। लोहा, उड़द, दाल, तेल, पुराने वस्त्र, जूते-चप्पल आदि का दान तथा तली हुई खाने- पीने की चीजों का दान करना चाहिए।

इस दिन शाम को मंदिर में हनुमान जी का बजरंग बाण, हनुमान चालिसा और संकटमोचन का नित्य पाठ करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते है।

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