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स्वामी प्रसाद मौर्य ने मां लक्ष्मी को लेकर दिया ऐसा बयान, सोशल माडिया पर मच गया बवाल

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से एक बार फिर बवाल मच गया है। उन्होंने दीपावली के दिन एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें लिखा कि आज तक चार हाथ वाला बच्चा नहीं पैदा हुआ तो फिर चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है। जिसके बाद से अब उनके इस बयान पर सोशल मिडिया पर बवाल मच गया है।

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दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा और सम्मान करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पोस्ट साक्षा की, जिसमें लिखा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग और देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट-पीठ ही होती है। चार हाथ, आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ, हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा और सम्मान करें, जो सही मायने में देवी है, क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान और देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है।
अब इसे लेकर धर्मगुरू आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन पर तीखा हमला बोला है.आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोमवार को कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को इलाज की जरूरत है वो सीएम योगी से उनके बोलने पर पाबंदी लगाने के लिए कहेंगे.
आचार्य प्रमोद कृष्ण ने सपा नेता को आड़े हाथों लेते हुए कहा,

ये कोई पहला मौका नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस तरह की कोई विवादित टिप्पणी की हो। राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा को स्वामी प्रसाद मौर्या धोखा बता चुके हैं। भारत में 100 लोगों में से 80 लोग हिन्दू हैं, भारत में हिन्दू बहुसंख्यक हैं। लेकिन इसी बहुसंख्यक पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार प्रहार करते रहते हैं। लेकिन इस बार माता लक्ष्मी पर बेशर्म बयान देकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने सारी हदें पार कर दी जो आज तक बाकी रह गई थी। आइये सिलसिलेवार तरिके से जानते है कि कब-कब मौर्य ने हिन्दू धर्म पर बेतुका बयान दिया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2014 में बहुजन समाज पार्टी में रहते हुए हिंदुओं की विवाह परम्परा पर ही हमला कर दिया था. उन्होंने कहा था कि हिंदू विवाह में गौरी गणेश की पूजा नहीं होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने ये तर्क दिया था कि इससे दलितों को ग़ुलाम बनाया जाता है, जबकि 2017 में मीडिया को दिए एक बयान में स्वामी प्रसाद ने तीन तलाक का विरोध करते हुए ऐसी बात कही कि मुस्लिम समुदाय की तरफ से उनका विरोध होने लगा। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोग तीन तलाक अपनी हवस मिटाने के लिए करते हैं, जिससे वो बीवियां बदलते रहें. इस बयान के बाद भी उनकी आलोचना हुई थी।

स्वामी प्रसाद मौर्य पूरे पांच साल तक भले ही बीजेपी के मंत्री रहे हों, हों लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ते ही पार्टी को ‘राम का सौदागर’ बता दिया था. उन्होंने ने कहा कि बीजेपी वाले राम का सौदा भी कर लेते हैं। राम को भी बेच देते हैं।’ पांच साल तक जिस पार्टी के मंच पर स्वामी लगातार बैठे दिखे उसी के बारे में उनके बयान ने लोगों को चौंका चौं दिया था। उनके बयान पर बवाल होने के बाद उस समय भी समाजवादी पार्टी ने बयान से पल्ला झाड़ लिया था। यही नहीं, हीं चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी को सांप बता दिया था और कहा था कि ‘स्वामी रूपी नेवला बीजेपी को खा जाएगा।’ उसके बाद से बीजेपी के कार्यकर्ता और आईटी सेल ने स्वामी प्रसाद मौर्य को नेवला ही कहकर ट्रो ल करना शुरू कर दिया था।

स्वामी प्रसाद कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते। सब बकवास है, जिसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश हटाने चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई भी दी और कहा कि मेरा मतलब लोगों की भावनाएं आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा कि पुस्तक में जो आपत्तिजनक अंश हैं, बस उन्हें हटा देना चाहिए।


यूपी में समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक इंटरव्यू में ‘धर्म का सत्यानाश हो’ भी कहा. उन्होंने सवर्णों का जिक्र करते हुए कहा कि ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ या गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है. उसको पूजनीय कहा गया है, लेकिन शूद्र कितना भी पढ़ा-लिखा या ज्ञानी हो. उसका सम्मान मत करो…क्या यही धर्म है? जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, “ये (बीजेपी समर्थक) लोग नारा दे रहे हैं कि मोदी जी आए हैं, राम को लाए हैं। ऐसा लगता है कि मोदी ने राम को पैदा किया है। इनके आने के बाद ही राम जी का जन्म हुआ है। जो पार्टी राम का सौदा करती है, वह आपका भी सौदा कर सकती है।”

मौर्य ने एक बार कहा था, “हिंदू धर्म में सूअर को वराह भगवान कहकर सम्मान दे सकते हैं, गधे को भवानी, चूहे को गणेश, उल्लू को लक्ष्मी की सवारी कहकर पूज सकते हैं, लेकिन शूद्र को सम्मान नहीं दिया जाता।”

‘स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2014 में कहा था शादियों में गौरी-गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको गुलाम बनाने की साजिश है।

बीजेपी बीजेपी छोड़ समाज वादी पार्टी में बड़े गाजे बाजे के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल हुए थे। 2022 का विधान सभा चुनाव पडरौना की सीट बदलकर फाजिल नगर से लड़ा था लेकिन बुरी तरह हारे। अब बेफिजूल का बयान देकर बौखलाहट निकाल रहे है। सोशल मिडिया पर स्वामी प्रसाद के इस बयान से घमासान मचा हुआ है। लोगो को अब मौर्या पर कार्रवाई का इंतज़ार है। अब देखना होगा की मौर्या के इस बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का क्या एक्शन होता है।

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