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हिजाब विवाद पर जस्टिस कृष्णा दीक्षित की सिंगल बेंच ने मामले को बड़ी बेंच में भेजा

Karnataka High Court

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हिजाब मामले को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका को एक बड़ी पीठ में स्थानांतरित कर दिया।

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न्यायमूर्ति कृष्णा दीक्षित ने कहा, “ये मामले व्यक्तिगत कानून के कुछ पहलुओं के मद्देनजर मौलिक महत्व के कुछ संवैधानिक प्रश्नों को जन्म देते हैं।” इससे पहले, सरकार के वकील और याचिकाकर्ताओं के बीच गरमागरम बहस देखी गई थी, जिन्होंने बसवराज बोम्मई सरकार के 5 फरवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें निर्धारित वर्दी के अलावा किसी भी हेडस्कार्फ़ को प्रतिबंधित किया गया था।

मंगलवार को कोर्ट ने छात्र समुदाय और आम जनता से शांति बनाए रखने का अनुरोध की थी। कोर्ट ने कहा था “इस न्यायालय को व्यापक रूप से जनता के ज्ञान और गुणों में पूर्ण विश्वास है और यह आशा करता है कि इसे व्यवहार में लाया जाएगा।”

क्या है हिजाब का मामला ?

जनवरी के महीने में इस विवाद की शुरूआत हुई। जहां एक प्राइवेट कॉलेज में कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनकर प्रवेश करने की कोशिश की। जबकि उस समय कॉलेज प्रशासन ने परिसर में हिजाब को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के आदेश दिए थे। लेकिन 6 छात्राएं हिजाब लगाकर कॉलेज में आईं जिसके बाद हिजाब के जवाब में हिंदू स्‍टूडेंट भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थानों में आ रहे हैं। बेलगावी के रामदुर्ग महाविद्यालय और हासन, चिक्कमंगलुरु और शिवमोगा में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब या भगवा शॉल के साथ छात्र-छात्राओं के आने की घटनाएं सामने आई हैं। अब मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में है।

हिजाब का समर्थन कर रही मुस्लिम छात्राओं की मानें, तो वो पहले भी हिजाब पहनकर पढ़ाई करती थी। तब इसे लेकर कोई विरोध नहीं हुआ था। लेकिन इससे इतर हिजाब का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि, शिक्षा का यूनिफॉर्म से कोई लेना-देना नहीं है। इसे सभी के लिए एक समान होना चाहिए।

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