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Salman Rushdie: जानिए सलमान रुश्दी के बारे में, आखिर क्यों ईरान बन गया रुश्दी की जान का दुशमन

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सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) को किताब सैटेनिक वर्सेज के लिए पिछले कई सालों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। ये किताब उन्होंने 1988 में लिखी थी।

Salman Rushdie
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भारतीय ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर शुक्रवार को चाकू से हमला किया गया। हमला तब हुआ जब वह America के New York के Chautauqua संस्थान में व्याख्यान देने वाले थे। बता दें कि सलमान रुश्दी कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं। उन्होंने एक किताब में कुछ ऐसा लिखा जिसकी वजह से मुस्लिम देशों में भूचाल आ गया था। इसके बाद से लगातार उनको धमकियां मिल रही थी।

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ब्रिटिश भारतीय राइटर हैं सलमान रुशदी 

19 जून 1947 को मुंबई में सलमान रुश्दी का जन्म हुआ। सलमान रुश्दी का पूरा नाम अहमद सलमान रुश्दी है। सलमान रुश्दी के पिता का नाम अनीस अहमद रुश्दी हैं। रुश्दी बंबई में ही पले-बढ़े और उन्होंने दक्षिण बॉम्बे के किले में कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वो भारत से इंग्लैंड चले गए। वहां से वारविकशायर में रग्बी स्कूल और फिर किंग्स कॉलेज, कैम्ब्रिज से ग्रेजुएशन किया। वह एक ब्रिटिश भारतीय राइटर है।

सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ने आजादी के दिन आधी रात को पैदा होने वाले बच्चों पर उन्होंने ‘मिडनाइट चिल्ड्रन’ जैसी कालजयी कहानी रची और इसी उपन्यास ने उन्हें 1981 में पहले उन्हें बुकर अवार्ड दिलाया और बाद में वह ‘बुकर ऑफ द बुकर्स’ जैसा सम्मान पाने वाले लेखक भी बने।

रुश्दी कई किताबों को भारत में बैन

सलमान रुश्दी ने पहला उपन्यास साल 1975 में ग्रिमस के नाम से लिखा था। इस किताब में एक अमर व्यक्ति मृत्यु को दोबारा हासिल करने के लिए एक पौराणिक यात्रा करता है। सलमान रुश्दी ने कई विवादित चीजें भी लिखी जिसके कारण उनके कई किताबों को भारत में बैन कर दिया गया है। इसके बाद सलमान रुश्दी ने द एनचेंट्रेस ऑफ फ्लोरेंस, द ग्राउंड बिनिथ हर फीट, रोष, शालीमार द क्लाउन, दो साल आठ महीने और अट्ठाईस रातें और क्विक्सोट जैसे उपन्यास भी लिखे।

द सैटेनिक वर्सेस’ की वजह से विवाद हुआ था खड़ा

लेकिन सलमान रुश्दी को उनकी किताब सैटेनिक वर्सेज के लिए पिछले कई सालों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। ये किताब उन्होंने 1988 में लिखी थी। इसी किताब की वजह से सलमान रुश्दी पर पैगंबर की तौहीन के आरोप लगे। ‘सैटेनिक वर्सेज’ उपन्यास का हिंदी में अर्थ ‘शैतानी आयतें’ हैं। इस किताब के नाम पर ही मुस्लिम धर्म के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। उनका कहना है कि रुश्दी ने इस किताब के जरिए ईशनिंदा की है। पुस्तक के प्रकाशन के एक साल बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी किया।

सैटेनिक वर्सेज पर राजीव गांधी ने लगाया था प्रतिबंध

भारत पहला देश था जिसने इस उपन्यास को बैन किया। उस वक्त देश में राजीव गांधी की सरकार थी। इसके बाद पाकिस्तान और कई अन्य इस्लामी देशों ने इसे प्रतिबंधित कर दिया। 3 अगस्त 1989 को ही सेंट्रल लंदन के एक होटल पर RDX विस्फोट कर सलमान रुश्दी का मारने की कोशिश हुई, लेकिन वह इस हमले में बाल-बाल बच गए। बाद में मुजाहिद्दीन ऑफ इस्लाम ने इस घटना की जिम्मेदारी ली थी।

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