शहीदों की पत्नियों को राज पुलिस ने जबरन पायलट के घर के बाहर से हटाया

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान पुलिस ने प्रदर्शन कर रही तीन शहीदों की विधवाओं को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले के बाहर से हटाया है। जानकारी के अनुसार, उन्हें गुरुवार देर रात हटाया गया। हालांकि पुलिस ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
महिलाओं के साथ बैठे कुछ लोगों को पुलिस सेज थाने ले गई है। सूचना मिलने पर मीणा भी अपने समर्थकों सहित सेज थाने पहुंचे। सूत्रों ने कहा कि विधवाओं को पुलिस ने सुबह तीन बजे पायलट के आवास के बाहर से जबरन उठा लिया।
उन्होंने कहा कि कोई मुंह में घास रखकर याचना करता है तो दूसरा पक्ष उसकी मांगें मान लेता है क्योंकि इसका अर्थ है कि व्यक्ति हाथ जोड़कर याचना कर रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी, “हालांकि, राज्य सरकार ने चरम कदम उठाए और आधी रात को इन महिलाओं को उठा लिया। उनके मोबाइल छीन लिए गए। विधवाएं और उनके रिश्तेदारों का अभी पता नहीं चला है। हमारा विरोध जारी रहेगा और और मजबूत होगा।”
गुरुवार को विधवाओं ने मुंह में घास (दूब) लेकर अनोखे अंदाज में विरोध जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास तक मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। मार्च में विधवाओं के साथ मीना भी शामिल थीं। आगे नहीं बढ़ने देने पर विधवाओं ने मुंह में घास रखकर जमीन पर लेटकर सीएम से गुहार लगाई।
गुरुवार के धरने के दौरान राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने मुख्यमंत्री पर कई जुबानी हमले किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर विधवाओं के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है कि उनकी मांगें जायज नहीं हैं।