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Qatar ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को सुनाई मौत की सजा, भारत ने कहा- कतर के फैसले से हम हैरान हैं!

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कतर ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई है. भारतीय नौ सेना के ये 8 पूर्व कर्मी कतर की जेल में बंद थे. इन सभी पर जासूसी करने का आरोप लगा है. ऐसे में विदेश मंत्रालय की ओर से बड़ा बयान है.

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Qatar के इस फैसले पर भारत का रुख क्या ?

भारत ने कतर के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि हम उन सभी लोगों के परिवार के सदस्यों से बातचीत कर रहे हैं. कतर में मौजूद भारतीय राजदूत भी उन सभी 8 पूर्व कर्मियों से मिलकर आए थे. भारत उन्हें क़ानूनी सहायता दिलाने में पूरी मदद करेगा. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर के साथ उसके रिश्ते अच्छे हैं, ऐसे में 8 भारतीयों को मौत की सजा देना हैरानी भरा है.

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, भारतीय नौ सेना के जिन 8 पूर्व कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई गई है वे सभी कतर की अल दहरा सिक्योरिटी कंपनी में कार्यरत थे. कुछ सालों से वे लोग कतर की नौ सेना में ट्रेनिंग दे रहे थे. पिछले साल 30 अगस्त 2022 को सभी पर जासूसी के आरोप लगे. उसके बाद इन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया और बीते दिन 26 अक्टूबर को कतर की कोर्ट ने सभी 8 कर्मियों को सजा-ए-मौत सुनाई है. भारत के विदश मंत्रालय ने इस मामले में अपना रुख साफ़ करते हुए कहा- हम लगातार सभी कर्मियों से सम्पर्क में है, उन्हें क़ानूनी सहायता दी जाएगी और कतर से इस संबंध में बात करेंगे. इन सभी 8 कर्मियों पर और क्या क्या आरोप है कतर ने इसका खुलासा अभी तक नहीं किया है.

कौन है नौ सेना के 8 जांबाज़ ?

8 भारतीयों के नाम हैं – कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश. इन सभी ने 20 सालों तक भारतीय नौ सेना में काम किया था उसके बाद ये कतर की एक कम्पनी के साथ काम कर रहे थे. वहां इन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और अब मौत की सजा सुनाई गई है. भारत इस मामले में अपील करने का रुख अपनाएगा.

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