पेगासस मामले में अब 4 हफ्ते बाद होगी सुनवाई, जांच रिपोर्ट में दावा केंद्र ने कोई मदद नहीं की

नई दिल्ली: पेगासस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की बेंच कर रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बताया की उनकी जांच कमेटी ने 29 फोन जमा किए थे जिनमें से 5 फोन में मालवेयर मिला, लेकिन पेगासस से संबंधित उन्हें कोई भी सबूत नहीं मिले। वहीं, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि इस केस में सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की। अब इस मामले में अगली सुनवाई सितंबर के आखिरी हफ्ते में होगी।
बता दें कि, सॉफ्टवेयर को लेकर याचिकाकर्ताओं का दावा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2017 में अपने इजराइल दौरे में भारत-इजराइल के बीच लगभग 15 हजार करोड़ रुपए की डिफेंस डील की थी। दावा किया गया था कि इस डील में पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर भी शामिल था। इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल फोन के जरिए किसी की जासूसी के लिए किया जाता है।
27 अक्टूबर को जांच कमेटी का गठन हुआ था
मामला कोर्ट में दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए 27 अक्टूबर 2021 को एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन इसके अध्यक्ष बनाये गये थे। याद करें कि कमेटी गठित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हर किसी की प्राइवेसी की रक्षा होनी चाहिए। जान लें कि कमेटी में अध्यक्ष जस्टिस आरवी रवींद्रन के साथ पूर्व IPS अफसर आलोक जोशी और डॉक्टर संदीप ओबेरॉय शामिल हैं। पेगासस जासूसी मामले में पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स ने अर्जियां दायर की थीं। मांग की गयी थी कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की निगरानी में जांच हो।