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Mann ki Baat: मन की बात में पीएम बोले- भारत इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में हुआ सफल

Mann ki Baat
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नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मन की बात के कार्यक्रम (PM Modi Mann Ki Baat Program) में देश के लोगों के साथ अपने विचार साझा किए। 86वीं कड़ी के प्रसारण में PM मोदी (Mann ki Baat) ने कहा इस महीने की शुरुआत में भारत, इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफल हुआ है। ये धरोहर है अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजार साल से भी ज्यादा पुरानी प्रतिमा। ये मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गया जी के देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गई थी।

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अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजार साल से भी ज्यादा पुरानी प्रतिमा

पीएम (Mann ki Baat) बोले हमारे इतिहास में, देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं, इसमें श्रद्धा भी थी, सामर्थ्य भी था, कौशल्य भी था और विवधताओं से भरा हुआ था और हमारे हर मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नज़र आता है। आजादी के 75 साल बाद भी कुछ लोग ऐसे मानसिक द्वन्द में जी रहे हैं जिसके कारण उन्हें अपनी भाषा, अपने पहनावे, अपने खान-पान को लेकर एक संकोच होता है, जबकि, विश्व में कहीं और ऐसा नहीं है।

मातृभाषा हमारे जीवन को गढ़ती है

आगे उन्होनें (Mann ki Baat) कहा साल 2019 में हिन्दी दुनिया की सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे क्रमांक पर थी। इस बात का भी हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। भाषा केवल अभिव्यक्ति का ही माध्यम नहीं है, बल्कि भाषा, समाज की संस्कृति और विरासत को भी सहेजने का काम करती है। कुछ दिन पहले ही हमने मातृभाषा दिवस मनाया। मैं मातृभाषा के लिए यही कहूंगा कि जैसे हमारे जीवन को हमारी मां गढ़ती है वैसे ही मातृभाषा भी हमारे जीवन को गढ़ती है। जैसे हम अपनी मां को नहीं छोड़ सकते वैसे ही अपनी मातृभाषा को भी नहीं छोड़ सकते।

संबोधन में PM मोदी (Mann ki Baat) ने कहा कुछ दिन पहले मेरी मुलाकात मेरे मित्र और केन्या के पूर्व PM राइला ओडिंगा जी से बात हुई थी। इस दौरान उन्होंने अपनी बिटिया के बारे में बताया, उनकी बेटी को ब्रेन ट्यूमर हो गया था और इस वजह से उन्हें अपनी बेटी की सर्जरी करानी पड़ी। जिससे उसकी आंखों की रोशनी करीब-करीब चली गई। उन्होंने अपनी बेटी का इलाज दुनियाभर के बड़े अस्पतालों में कराया। लेकिन सफलता नहीं मिली। किसी ने उनको भारत में आयुर्वेद के इलाज के लिए आने के लिए सुझाव दिया। केरला के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में बेटी का इलाज करवाने से उनकी बेटी की आंखों की रोशनी काफी हद तक वापस लौट आई।

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