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नरेंद्र मोदी ने Central Vista Project के उद्घाटन में कहीं खास बातें जानें

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PM मोदी ने Central Vista Project  का उद्घाटन करने के बाद कुछ ऐसी बातें कहीं  जिससे देशवासियों ने बहुत ही  गौरव की अनुभूति की है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बहुत सी खास बाते कहीं  पीएम मोदी बोले- आज के इस अवसर पर, मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है। इसी कड़ीं में उन्होंने भारत की परंपरा की भी बात कही।

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नए भारत में आज श्रम और श्रमजीवियों के सम्मान की एक संस्कृति बन गई है, एक परंपरा पुनर्जीवित हो रही है। जब नीतियों में संवेदनशीलता आती है, तो निर्णय भी उतने ही संवेदनशील होते चले जाते हैं, इसलिए देश अब अपनी श्रम शक्ति पर गर्व कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश के हर एक नागरिक का आह्वान करता हूं, आप सभी को आमंत्रण देता हूं। आइये, इस नवनिर्मित कर्तव्यपथ को आकर देखिए। इस निर्माण में आपको भविष्य का भारत नज़र आएगा। यहां की ऊर्जा आपको हमारे विराट राष्ट्र के लिए एक नया विजन देगी, एक नया विश्वास देगी।

कर्तव्य पथ  पर पीएम मोदी की बातों के कुछ खास अंश

पीएम मोदी बोले- कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है। ये भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है। अगर पथ ही राजपथ हो, तो यात्रा लोकमुखी कैसे होगी? राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे। राजपथ की भावना भी गुलामी का प्रतीक थी, उसकी संरचना भी गुलामी का प्रतीक थी। आज इसका आर्किटेक्चर भी बदला है, और इसकी आत्मा भी बदली है।

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गुलामी पर भी बोले मोदी जानिए क्या कहा  

पीएम मोदी ने कहा, आज अगर राजपथ का अस्तित्व समाप्त होकर कर्तव्यपथ बना है, आज अगर जॉर्ज पंचम की मूर्ति के निशान को हटाकर नेताजी की मूर्ति लगी है, तो ये गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है। ये न शुरुआत है, न अंत है। आज देश अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों कानूनों को बदल चुका है। भारतीय बजट, जो इतने दशकों से ब्रिटिश संसद के समय का अनुसरण कर रहा था, उसका समय और तारीख भी बदली गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अब विदेशी भाषा की मजबूरी से भी देश के युवाओं को आजाद किया जा रहा है।

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