हम अधिक भारत होते तो चीन से संबंधों में कम गुलाबी नजरिया होता : जयशंकर
New Delhi : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के साथ भारत के संबंधों पर विचार किया। उन्होंने ऐतिहासिक बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे ज्यादा भारत केंद्रित दृष्टिकोण चीन के साथ अपने संबंधों को अलग तरह से आकार दे सकता था।
एस. जयशंकर ने क्या कहा?
एस. जयशंकर ने कहा कि यदि हम अधिक भारत होते, तो चीन के साथ हमारे संबंधों के बारे में कम गुलाबी नजरिया होता। राष्ट्रीय राजधानी में अपनी पुस्तक ‘व्हाई भारत मैटर्स’ के विमोचन के अवसर पर जयशंकर ने कहा कि जिन तीन देशों पाकिस्तान, चीन और अमेरिका को लेकर मैंने बात की है, उनके साथ शुरुआती वर्षों में वास्तव में हमारे संबंध बहुत विवादित थे।
अलग-अलग विचारों का उल्लेख किया
जयशंकर ने चीन पर भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बीच नोट और पत्रों के आदान-प्रदान का जिक्र करते हुए ऐतिहासिक रिकार्ड का हवाला दिया। उन्होंने चीन के साथ संबंधों पर भारत के शुरुआती रुख की जटिलताओं पर प्रकाश डालते हुए दोनों नेताओं द्वारा व्यक्त किए गए बिल्कुल अलग-अलग विचारों का उल्लेख किया।
10 साल के कार्यकाल को बताया परिवर्तनकारी
भाजपा नीत सरकार के तहत अपने 10 साल के कार्यकाल को परिवर्तनकारी बताते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऐसे समय से जब भारतीयों को वीजा के संबंध में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, आज कई देश कार्यस्थल की गतिशीलता का पता लगाने के लिए स्वयं नई दिल्ली का अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आज आपूर्ति श्रृंखलाओं और डिजिटल प्रवाह के अलावा वैश्विक कार्यस्थल के क्षेत्र में भी एक बड़ा अवसर मौजूद है।
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