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ज्ञानवापी मस्जिद: मौलाना सुफियाना बोले, देश को तोड़ने की हो रही है साजिश

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काफी लंबे समय से काशी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आदालतों के फैसलों और सियासी उठा-पटक के बीच आज गुरुवार के दिन ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आदालत ने फैसला सुनाया है। ये फैसला ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे और एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने को लेकर था। लेकिन कोर्ट का साफ कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे में कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे। बता दें की कोर्ट ने फैसला देने से पहले अपना आदेश को टाइप भी करवाया है। जिसके बाद ही कोर्ट का फैसला सुनाया गया है। हालांकि पुरे फैसले आने के बाद से अब लोगों ने इस सियासत से जुड़ा हुआ फैसला करार दिया है। ऐसे में मौलाना सुफियाना निजामी जो कि प्रवक्ता हैं दारुल उलूम फरंगी महली लखनऊ के उन्होंने कोर्ट द्वारा आए फैसले पर इसे सियासत से जुड़ा फैसला बताया हैं।

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हिंदू-मुस्लिम के बीच दूरियां पैदा करने की कोशिश- मौलाना सुफियाना

बता दें उन्होंने अपने दिए बयान में कहां कि बाबरी मस्जिद और राम मंदिर को लेकर भी आए फैसले पर भी देश के अंदर बहुत बड़ी सियासत की गई थी। उन्होंने कहा की कितनी जाने और प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ है। देश में बैठे कुछ लोग जो हम हिंदू और मुस्लिम भाईयों के बीच काफी दूरियां पैदा करने की कोशिश कर रहें है। वैसे में आए ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर मामले को लेकर आए कोर्ट के फैसले पर दोनों पक्षों को एकसाथ बैठकर बात करने की ज्यादा जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा की हमें ये भी कोशिश करना चाहिए कि कोर्ट के बाहर यह मसला ना जाए और शांति से बैठकर इस मामलें को निपटाने की हमें कोशिश करनी चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट और संविधान के रास्ते को अपनाते हुए भी शांति से मसले को हल करने पर जोर दिया जाए।

हालांकि कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है की पूरे मस्जिद परिसर का सर्वे होगा। बता दें कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 17 मई से पहले कराने का भी आदेश जारी किया है।

रिपोर्ट- लाल चंद

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