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कृषि कानून रद्द होने के बाद जारी है सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक, तय होगी आगे की रणनीति

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केंद्र के कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक जारी है। किसान संगठन बैठक में आगे की रणनीति के बारे में चर्चा कर रहे हैं।

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गौरतलब है कि कृषि कानून रद्द होने के बाद भी तमाम किसान संगठन समेत किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों के साथ-साथ हरियाणा-पंजाब के बॉर्डरों पर भी बैठे हैं। और आंदोलन खत्म करने के मूड में फिलहाल दिखाई भी नहीं दे रहे।

किसानों की मांग है कि सरकार MSP पर जल्द से जल्द कोई कानून लाए। इसके साथ ही आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए। इतना ही नहीं आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए केसों को भी वापस लेने की मांग किसान संगठन कर रहे हैं।

कुछ दिनों पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था सरकार ने अब तक हमारी पूरी मांगे नहीं मांगी हैं। जब तक सरकार सारी मांगे पूरी नहीं कर देती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

https://twitter.com/Baljit_ITCell/status/1467038107727896576?s=20

इसी सप्ताह किसानों ने आरोप लगाया था कि सरकार कुछ किसानों को पीछे के दरवाजे से प्रालोभन देकर आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रही है।

किसान संगठनों ने सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार किसान मोर्चा से संपर्क करने के बजाय कुछ किसान संगठनों से संपर्क करके फूट डालने की कोशिश कर रही है। जानकारी के मुताबिक सरकार पंजाू के किसान संगठनों के साथ संपर्क साधने की कोशिश कर रही है।

गौरतलब है कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

सरकार की ओर से की जा रही इस कोशिश पर राकेश टिकैत का कहना है कि मौर्चे के घटक कुछ किसान संगठन जरूर हैं लेकिन आंदोलन खत्म करने के फैसला, कुछ किसान संगठन नहीं कर सकते। इसके लिए आपसी सहमती की जरूरत है।

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