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Electoral bond: SC रजिस्ट्री ने इलेक्टोरल बॉन्ड का लौटाया डेटा, आज EC को अपने वेबसाइट पर डालने के निर्देश

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Electoral bond: शनिवार, 16 मार्च, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग को वापस दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि उसके पास वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए डेटा की कॉपी नहीं है। शुक्रवार, 15 मार्च को आयोग की शिकायत पर सुनवाई हुई।

Electoral bond: शनिवार शाम पांच बजे तक डेटा डिजिटलाइज करने के बाद, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने रजिस्ट्री को वापस लौटाने को कहा था। आयोग को रविवार (17 मार्च) शाम 5 बजे तक अपनी वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करने की अनुमति दी गई है।

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सुप्रीम कोर्ट को ये डेटा 2019 और 2023 में दिया गया था। इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधता पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 2023 में सितंबर तक राजनीतिक पार्टियों को मिले चंदे की जानकारी मांगी थी। इससे पहले कोर्ट ने 2019 में भी फंड से जुड़ी जानकारी मांगी थी।

हालाँकि, ये डेटा 14 मार्च को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट्स से कितना अलग है, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। 14 मार्च को संस्थान की वेबसाइट पर 763 पेजों की दो लिस्ट अपलोड की गई थी। एक सूची में बॉन्ड खरीदने वालों का विवरण है। दूसरी में, राजनीतिक दलों के साथ हुए समझौते की जानकारी है।

Electoral bond: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर SBI ने चुनाव आयोग को बॉन्ड से जुड़ी जानकारी दी थी। SBI ने इसमें यूनीक अल्फा न्यूमेरिक संख्या नहीं दी थी। किसने किसे कितना चंदा दिया, इससे पता नहीं चल सका। इससे संबंधित रूप से शुक्रवार (15 मार्च) को कोर्ट ने एसबीआई को नोटिस भेजा और 18 मार्च तक जवाब मांगा।

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