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UP Breaking: दलित होने के कारण योगी सरकार में नहीं मिला सम्मान- दिनेश खटीक

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नई दिल्ली। योगी सरकार में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा है. इस इस्तीफे में दिनेश खटीक ने अधिकारियों पर तवज्जो न देने और दलितों को उचित मान-सम्मान न मिलने का आरोप लगाया है. सूत्रों के मुताबिक, दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेजा है।

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जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने आरोप लगाया है कि दलित होने की वजह से विभाग में उनकी सुनवाई नहीं होती और न ही किसी बैठक की सूचना उन्हें दी जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यमंत्री के अधिकार के तौर पर सिर्फ गाड़ी दे दी गई है. मंत्री दिनेश खटीक ने ट्रांसफर के मामलों में बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।

तबादले में गड़बड़ी को लेकर जब दिनेश खटीक ने अधिकारियों से जानकारी मांगी तो उन्हें अबतक जानकारी नहीं दी गई. प्रमुख सचिव सिंचाई पर आरोप लगाते हुए राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि फोन करने पर बिना पूरी बात सुने उन्होंने फोन काट दिया. मंत्री ने नमामि गंगे योजना में भी भ्रष्टाचार की बात कही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी में राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने अपने विभाग के अधिकारियों पर तमाम तरह के आरोप लगाए हैं. उन्होंने इसकी एक कॉपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेजी है. हालांकि, सरकार और पार्टी संगठन के स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

सूत्रों के मुताबिक, मंत्री दिनेश खटीक ने अमित शाह को लिखी अपने चिट्ठी में लिखा है कि दलित होने के कारण अधिकारी उनकी एक भी बात नहीं सुनते हैं, अभी तक मुझे विभाग में कोई काम नहीं मिला है. जल शक्ति विभाग में दलित समुदाय के राज्य मंत्री होने के नाते उनके किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, न ही विभाग की योजनाएं के बारे में जानकारी दी जाती है।

जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी दलितों का अपमान कर रहे हैं, मेरे विभाग में ट्रांसफर के नाम पर गलत तरीके से पैसा वसूला गया, इसकी भनक लगने के बाद जब मैंने विभागाध्यक्ष से इसकी जानकारी मांगी तो अभी तक उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

अपने इस्तीफे को लेकर लिखी गई चिट्ठी में राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने लिखा, ‘जब दलित समाज के राज्य मंत्री का विभाग में कोई वजूद नहीं है तो ऐसे में राज्य मंत्री के रूप में मेरा काम दलित समाज के लिए बेकार है. इन सब बातों से आहत होकर मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं.’ हालांकि अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है।

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