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Breaking Bengal: ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम फंसे जॉब घोटाले में! CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी

Breaking Bengal: ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम फंसे जॉब घोटाले में! CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी

Breaking Bengal: ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम फंसे जॉब घोटाले में! CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी

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बंगाल में आज CBI ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है। सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री फिरहाद हकीम को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने फिरहाद हकीम पर छापेमारी की है क्योंकि बंगाल में नागरिक निकायों में भर्ती में कथित अनियमितताएं सामने आई हैं। ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा के आवास पर भी छापेमारी हुई है, अधिकारियों ने बताया है।

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सीबीआई की एक टीम आज सुबह फिरहाद हकीम के ठिकाने पर पहुंची थी। फिरहाद हकीम का आवास दक्षिण कोलकाता के चेतला इलाके में है। बड़ी बात यह है कि इस दौरान सीबीआई के अधिकारी अपने साथ केंद्रीय बलों की एक टुकड़ी में लेकर गए थे। फिरहाद हकीम ममता सरकार में शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के मंत्री है। वह राजधानी कोलकाता के महापौर भी हैं। कहा जाता है कि टीएमसी के संगठन में हकीम का अच्छा खासा प्रभाव है।

छापेमारी के दौरान समर्थकों ने घर के बाहर विरोध प्रदर्शन

CBI से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि छापेमारी के बाद सीबीआई के दो अधिकारियों ने कथित नौकरी घोटाले में हकीम से काफी देर तक पूछताछ भी की। सीबीआई की छापेमारी के दौरान हकीम के समर्थक उनके आवास के बाहर इकट्ठा हो गए थे। इस दौरान उनके समर्थकों ने सीबीआई की छापेमारी को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया।

बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने राज्य के पूर्व मंत्री और उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी से तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा के आवास पर भी छापेमारी की। विधायक मदन मित्रा भवानीपुर इलाके में रहते हैं। मदन मित्रा का आवास चेतला में फिरहाद हकीम के घर से करीब तीन किलोमीटर दूर है।

पहले भी गिरफ्तार हो चुकी है

बता दें कि मदन मित्रा और फिरहाद हकीम को नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने साल 2021 में अरेस्ट किया था। इतना ही नहीं मित्रा की तो शारदा चिट फंड घोटला मामले में भी गिरफ्तारी हो चुकी है। साल 2014 में भी मित्रा को सीबीआई ने अरेस्ट किया था। जांच एजेंसियों का आरोप है कि साल 2014 से 2018 तक राज्य के अलग-अलग नागरिक निकायों ने पैसों के बदले में करीब 1500 लोगों की अवैध रूप से नियुक्ति की गई थी।

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