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भाजपा की एमसीडी ने बजट में घरों और व्यावसायिक संपत्ति पर लगने वाले टैक्स को 14 फीसदी तक बढ़ाया- दुर्गेश पाठक

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नई दिल्ली: भाजपा की एमसीडी ने बजट में घरों और व्यावसायिक संपत्ति पर लगने वाले टैक्स को 14 फीसदी तक बढ़ा दिया है। आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ दिल्ली की जनता को कैसे लूटा जाए, इसका बजट‌ पेश किया है। दिल्ली में घरों पर हाउस टैक्स 12 से 14 फ़ीसदी तक बढ़ा दिया गया है। व्यावसायिक संपत्ति के ऊपर टैक्स बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। संपत्ति खरीदने पर सीनियर सिटीजन, दिव्यांगों और महिलाओं को टैक्स में मिलने वाली छूट को 30 फ़ीसदी से कम करके 20 फ़ीसदी किया गया। दिल्ली की जनता से अपील हैं कि यह बढ़े हुए टैक्स मत देना। पांच माह बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर आम जनता को राहत देंगे।

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भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ दिल्ली की जनता को कैसे लूटा जाए, इसका बजट‌ पेश किया है

आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी और वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि किसी भी सरकार का बजट जनता की चिंताओं-समस्याओं के समाधान और आशा का दस्तावेज होता है। हर साल सरकारें अधिकारियों के साथ मिलकर बजट लेकर आती हैं। उसमें एक सपना होता है कि वह किस तरह का राज्य बनाना चाहती हैं और जनता को सहूलियत देना चाहती हैं। भाजपा की एमसीडी ने अपना आज बजट प्रस्ताव पेश किया है। इस बजट के हर तरफ गड़बड़ी है।

दिल्ली में घरों पर हाउस टैक्स 12 से 14 फ़ीसदी तक बढ़ा दिया गया है- दुर्गेश पाठक

उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर कोरोना के बाद आर्थिक गतिविधि किस तरह से बेहतर हो सकती हैं, इसके ऊपर बजट के अंदर एक विजन आना था। सभी व्यापारी इस बजट को ध्यान से देख रहे थे। बजट में कोई सहूलियत तो दी नहीं गई, इसके उलट अब जितने भी रेस्टोरेंट मालिक, व्यावसायिक कार्यालय, होटल मालिक हैं उनको 20 फ़ीसदी टैक्स देना पड़ेगा। दिल्ली के अंदर जितनी भी व्यावसायिक संपत्ति हैं उसके ऊपर टैक्स बढ़ाकर 20 फीसद कर दिया गया है। यानी की कमाई का 20 फीसदी एमसीडी लेगी।

व्यावसायिक संपत्ति के ऊपर टैक्स बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है- पाठक

दुर्गेश पाठक ने कहा कि इसके अलावा एक बड़ी योजना हर सरकारें चलाती थी कि सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, महिला अपने नाम पर संपत्ति लेती है तो उसको टैक्स में 30 फ़ीसदी तक छूट मिलती थी। अब उस छूट को कम करके 20 फ़ीसदी कर दिया गया है। ऐसे में जो बुजुर्ग अपनी पूरी जिंदगी की कमाई इकट्टा करके कोई घर बनाना चाहते हैं, इससे उनको नुकसान होगा। दिव्यांगजनों के लिए सरकार को आगे आना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा छूट मिलनी चाहिए। उस छूट को 30 फ़ीसदी के बजाय 20 फ़ीसदी कर दिया गया है।

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