
बीसीसीआइ ने पत्रकार बोरिया मजूमदार पर दो साल बैन लगा दिया है। मजूमदार और रिद्दिमान साह के बीच हुए विवाद के बाद साहा ने सोशल मीडिया पर स्क्रीनशाट शेयर कर मामले में मध्यस्थता करने की मांग की थी, जिसके बाद बीसीसीआइ ने राजीव शुक्ला, अरुण सिंह धूमल और प्रभतेज सिंह भाटिया की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। जांच के बाद उन्हें दोषी पाया गया। जिसके बाद उनपर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया गया।
क्या होगा असर
इस बैन के बाद अब बोरिया को भारत में किसी भी खेल के लिए मीडिया मान्यता (media accreditation) नहीं मिलेगी। उन्हें भारत में किसी भी पंजीकृत खिलाड़ी का इंटरव्यू करने नहीं मिलेगा। उन्हें किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जाएगी और स्टेडियम में एंट्री बैन होगी।
क्या था मामला?
बता दें कि इसी साल फरवरी महीने में साहा ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ स्क्रीनशाट्स शेयर किए थे जिसमें दोनों के बीच हुए चैट का जिक्र था। इसके बाद कई क्रिकेटर साहा के समर्थन में सामने आए थे। उनसे उस पत्रकार का नाम बताने की भी अपील की थी। हालांकि उन्होंने शुरुआत में ऐसा करने से मना कर दिया था।
बाद में पता चला कि वो पत्रकार बोरिया मजूमदार है। हालांकि पत्रकार बोरिया मजूमदार ने अपनी तरफ से सफाई देते हुए रिद्दिमान साहा पर चैट के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगाया था।
विवाद बढ़ता देख बीसीसीआई ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी जिसमें उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण कुमार धूमल और एपैक्स काउंसिल सदस्य प्रभतेज भाटिया शामिल थे। जांच में उन्हें दोषी पाया गया है और अब उनपर BCCI ने दो साल का बैन लगा दिया है।
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