ग्लोबल साउथ की बढ़ती भूमिका पर लगाया जा रहा अवरोध : जयशंकर
New Delhi: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ग्लोबल साउथ (Global South) के देशों से आर्थिक सांद्रता (Economic Concentration) की तुलना में कमजोरियों को कम करने के लिए आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। जयशंकर ने कोविड के वक्त को याद किया। जयशंकर ने कहा कि कोविड का वक्त दूर-दराज के भौगोलिक क्षेत्रों पर बुनियादी जरुरतों के लिए निर्भरता के खतरों की याद दिलाता है। इसलिए, आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। जयशंकर ने कोई विशेष संदर्भ दिए बिना कहा कि वर्तमान समय के प्रमुख मुद्दों को सुलझाने में ग्लोबल साउथ की बढ़ती भूमिका पर अवरोध लगाया जा रहा है।
चुनौतियों से निपटने के लिए ईमानदारी से कार्य किया
जयशंकर ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने जी-20 की भारत की अध्यक्षता की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि कैसे इसने ग्लोबल साउथ या विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए ईमानदारी से कार्य किया।
ध्यान वापस लाने के लिए याद किया जाएगा
एस. जयशंकर ने कहा कि दिल्ली के नेताओं के घोषणापत्र को ग्लोबल साउथ की वास्तविक और गंभीर चिंताओं पर जी-20 का ध्यान वापस लाने के लिए याद किया जाएगा। विदेश मंत्री ने कहा कि दस्तावेज मजबूत, सतत, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा संदेश है। जयशंकर ने कोई विशेष संदर्भ दिए बिना कहा कि वर्तमान समय के प्रमुख मुद्दों को सुलझाने में ग्लोबल साउथ की बढ़ती भूमिका पर अवरोध लगाया जा रहा है।
बदलाव होना प्राकृतिक है
जयशंकर ने कहा कि जब हम आगे देखते हैं, तो हर किसी के विश्वास के साथ, हर किसी के विकास का हमारा दृष्टिकोण पूरा होने में अभी बहुत समय है। हमें पता है कि बदलाव होना प्राकृतिक है। किंतु, ग्लोबल साउथ से जुड़े मुद्दों के समाधान करने में अभी भी अवरोध जारी है। हमें साथ मिलकर और बहुपक्षीय मंचों पर विचार-विमर्श करते वक्त सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत पर अधिक जोर देने की जरुरत है।
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