आंदोलन का राजनीति से कोई लेनादेना नहीं था : बजरंग पुनिया

Bajrang Punia on Protest
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Bajrang Punia on Protest : भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के बयान के बाद अब पहलवान बजरंग पुनिया का बयान भी सामने आया है. उन्होंने भाजपा पर नैरेटिव फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलन का राजनीति से कोई लेना देना नहीं था. वहीं उन्होंने कांग्रेस में अपने और विनेश के भविष्य को लेकर भी स्पष्टता दी.

‘विनेश लड़ेंगी चुनाव, हम सब विनेश के साथ’

हरियाणा के रोहतक में कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि मैं सभी का धन्यवाद करता हूं, हमें जितना प्यार कुश्ती में मिला है, मुझे लगता है कि उतना ही प्यार राजनीति में भी मिलेगा. हमने पहले ही बैठकर यह तय किया था कि विनेश चुनाव लड़ेगी और हम सब विनेश के साथ हैं. मैं संगठन में रहकर काम करूंगा. हमारे आंदोलन का राजनीति से कोई लेनादेना नहीं था. हमारे आंदोलन को लेकर उनका(भाजपा) काम है नैरेटिव फैलाना कि आंदोलन कांग्रेस ने आयोजित कराया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, पूरे देश ने आंदोलन को देखा और पूरा देश खिलाड़ी बेटियों के साथ खड़ा है।

बृज भूषण शरण सिंह ने कहा था यह…

वहीं इस मुद्दे पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि 18 जनवरी 2023 को जब मेरे खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना शुरू हुआ तो मैंने पहले ही दिन कहा था कि यह कोई पहलवानों का धरना नहीं है. इसको कांग्रेस लीड कर रही है. इसके पीछे भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जी हैं. यह बात सच साबित हुई है. इस पूरे आंदोलन में जो हमारे खिलाफ षड्यंत्र के तहत किया गया उसमें कांग्रेस शामिल थी और इसका नेतृत्व भूपेंद्र हुड्डा कर रहे थे।

बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में गए

वहीं उन्होंने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मैं बेटियों का गुनाहगार नहीं हूं. बेटियों के गुनाहगार विनेश और बजरंग हैं. इन्होंने लगभग पौने दो साल तक कुश्ती की गतिविधि को पूरी तरह ठप कर दिया. वहीं उन्होंने प्रश्न किया कि क्या यह बात सच नहीं कि बजरंग बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में गए थे. एक खिलाड़ी एक दिन में दो वजन कैटागिरी में ट्रायल कैसे दे सकता है. क्या वजन के बाद पांच घंटे तक कुश्ती रुकवाई जा सकती है. क्या यह खिलाड़ियों का हक मारना नहीं है. वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि क्या रेलवे के रेफरियों का इस्तेमाल नहीं हुआ. उन्होंने विनेश पर हमला करते हुए कहा कि आप कुश्ती जीतकर नहीं गई थीं. आप जूनियर खिलाड़ियों का हक मार कर गईं थीं. भगवान ने आपको वही सजा दी है.

क्या बोले WFI अध्यक्ष…?

वहीं इस मामले में WFI के अध्यक्ष संजय ने भी कहा था कि यह तो होना ही था. पूरा देश जानता है कि यह आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था. इन लोगों ने लगभग पौने दो साल तक कुश्ती गतिविधि को ठप किया. अब इन लोगों का हमारे संघ पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वहीं उन्होंने कहा कि इस विरोध की नींव तब से पड़ी जब से पीएम मोदी ने बृजभूषण शरण सिंह की तारीफ की और कहा कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है. ओलंपिक में कुश्ती में 4-5 मेडल आने वाले थे लेकिन कुश्ती गतिविधि ठप होने का असर पड़ा और मेडलों की संख्या घटी. उन्होंने कहा कि हमारे पहलवान अभ्यास तक नहीं कर पाए.

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