Ayodhya: मुस्लिम भिखारियों का हिन्दू नाम? पुजारियों ने की जांच की मांग

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अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है जनवरी 2024 में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। आये दिन राम जन्मभूमि से अलग-अलग प्रकार की ख़बरें सुनने में आती हैं। ऐसे में हिंदी ख़बर की टीम ने जब खुद अयोध्या पहुंचकर यहां नब्ज टटोली तो वहां सरयू घाट के पास भीख मांगने वाले बच्चों और बड़े लोगों की काफी संख्या दिखाई दी।

नाम और पता बदलकर मांगते हैं भीख

बता दें, इनमें से अधिकांशतः बच्चे और महिलाएं थीं जबकि कुछ पुरूष भी दिखाई दिए। वे लोगों के पास पहुंचकर बार-बार पैसे आदि मांग रहे थे। लोग उन्हें नजरअंदाज करते तो वो कभी पैर छूते तो कभी लोगों का हाथ पकड़कर भीख मांगने लगते। इससे वहां मौजूद पर्यटक और श्रद्धालु असहज दिखे। यदि श्रद्धालु जाने लगते तो वो उनके पीछे-पीछे चलने लगते और लगातार पैसे आदि की याचना करते रहते। इसमें सबसे हैरान करने वाली बात यह देखी गई की जब उन बच्चों से उनका नाम और पता पूछा गया तो वो घबरा से गए। काफी देर बाद जब वो सहज हुए तो उन्होंने अपना नाम बताया। नाम बताने पर मामला जरा पेचीदा नजर आने लगा क्योंकि अधिकांश छोटी बच्चियों ने अपना नाम काजल और बच्चों ने अपना नाम राजू ही बताया।

एक ही गांव के निकले भिखारी

इसके बाद जब उनके माता-पिता का नाम पूछा गया तो पहले तो उन्होंने बताने से साफ इंकार कर दिया लेकिन बाद में कुछ मुस्लिम समुदाय से जुड़ा नाम बताया। आदमियों में कुछ भीख मांगने वाले सांप को लेकर लोगों के पास जाते और पैसे मांगते, जब उनसे उनकी पहचान पूछी गई तो उनके पास आधारकार्ड तक नहीं था। कमाल की बात यह जब इनसे इनके घर आदि के बारे में पूछा गया तो सभी ने खुद को यूपी के बहराइच का निवासी बताया।

पुजारियों ने की जांच की मांग

इस मामले में जब हमारी टीम ने राम जन्मभूमि के कुछ पुजारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां भीख मांगना,  पैसे कमाने का जरिया बन गया है। बहराइच गांव से मुस्लिम समुदाय के लोग यहां आकर अपना नाम बदलकर भीख मांगते हैं साथ ही अपने बच्चों का भविष्य अंधकार में डालते हुए भीख मांगने के लिए छोड़ देते हैं। उन्होंने मांग की, इस मुद्दे पर जांच होनी चाहिए क्योंकि एक तो राम जन्मभूमि की छवि इससे धूमिल हो रही है तो वहीं आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक इनके जबरन पीछे पड़ने से खुद को असहज महसूस करते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि इससे इन मासूमों का भविष्य भी अंधकारमय हो रहा है।

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