ASI on Qutub Minar: कुतुब मीनार पर सुनवाई, इमाम का आरोप ASI ने नमाज भी बंद करवा दी

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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कुतुब मीनार (ASI on Qutub Minar) में पूजा के अधिकार वाली याचिका का विरोध किया है। साकेत कोर्ट में सोमवार को दाखिल किए हलफनामे में कहा कि कुतुब मीनार पूजा का स्थान नहीं है और इसकी मौजूदा स्थिति को बदला नहीं जा सकता।

ASI on Qutub Minar
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नई दिल्ली: आगरा में ताजमहल, वाराणसी में ज्ञानवापी केस खत्म होनें का नाम नही ले रहा था कि अब नई दिल्ली में कुतुब मीनार पर रार शुरु हो गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कुतुब मीनार (ASI on Qutub Minar) में पूजा के अधिकार वाली याचिका का विरोध किया है। साकेत कोर्ट में सोमवार को दाखिल किए हलफनामे में कहा कि कुतुब मीनार पूजा का स्थान नहीं है और इसकी मौजूदा स्थिति को बदला नहीं जा सकता। इस मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। बता दें कि हिंदू पक्ष की दलील थी कि 27 मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, जिसके अवशेष वहां मौजूद हैं।

ASI ने हिंदू-जैन मंदिर बनाने का किया विरोध

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच अब कुतुब मीनार Qutub Minar की खुदाई की जाएगी। जिसको लेकर संस्कृति मंत्रालय Ministry Of Culture ने निर्देश जारी कर दिए हैं। संस्कृति मंत्रालय का कहना है कि कुतुब मीनार में मूर्तियों की Iconography कराई जाए। एक रिपोर्ट के आधार पर कुतुब मीनार (ASI on Qutub Minar) परिसर में खुदाई का काम किया जाएगा। बता दे कि, रविवार को संस्कृति सचिव ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने के बाद यह फैसला लिया है। इसलिए कुतुब मीनार के दक्षिण में और मस्जिद से 15 मीटर दूरी पर खुदाई का काम शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा कुतुब मीनार ही नहीं, अनंगताल और लालकोट किले पर भी खुदाई का काम किया जाएगा।

इमाम का आरोप ASI ने नमाज भी बंद करवा दी

साथ ही इससे पहले ही मीनार की मस्जिद के इमाम शेर मोहम्मद ने आरोप लगाया है कि ASI ने 13 मई से नमाज पढ़ना भी बंद करवा दिया है। मीनार के मेन गेट के दाईं ओर बनी मुगलकालीन छोटी मस्जिद में नमाज होती थी। 2016 में यहां दोबारा नमाज शुरू हुई थी। शुरुआत में यहां 4-5 लोग नमाज पढ़ते थे, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या 40 से 50 तक पहुंच गई थी।