15 जनवरी को क्यों मनाते हैं भारतीय सेना दिवस, जानें इस दिन का इतिहास

Army Day : 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि साल 1949 में जनरल के. एम. करियप्पा भारत के पहले सेनाध्यक्ष थे। उन्होंने आज ही के दिन पद ग्रहण किया था। पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। पहली बार भारतीय सेना की कमान एक भारतीय के हाथों में आई गई। यह भारत के सैन्य इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
इस दिन को हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाते हैं। बता दें कि साल 1947 में भारत को आजादी मिली थी और साल 1950 में हमारा संविधान पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुआ है। सेना दिवस पर, दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में एक भव्य परेड का आयोजन होता है। इसमें सेना अपने आधुनिक हथियार और उपकरण प्रदर्शन किया जाता है। सैन्य अभ्यास, सांस्कृतिक कार्यक्रम और वीरता पुरस्कार भी वितरित होते हैं।
आयोजित होते हैं कई कार्यक्रम
आपको बता दें कि सेना दिवस पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य होता है। नागरिकों और सेना के बीच एक संबंध स्थापित करना है। इसके अलावा इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। सैन्य अभ्यास किया होता है। हम अपने सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना है। भारतीय सेना ने समय – समय पर हुए युद्धों में अपना लोहा मनवाया है और अंतर्राष्ट्रीय शांति अभियानों में भी हिस्सा लेती है। जैसे संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग फोर्स में भी भारतीय सेना शामिल है। यह दिन भारतीय सेना के साहस और बलिदान याद करने का भी दिन है।
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