बिहारः गोपालगंज में छह नव नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति रद्द

प्रमाण पत्रों की जांच जारी है।
Appointment Canceled: गोपालगंज में शिक्षा विभाग ने बीपीएससी से नवनियुक्त छह शिक्षकों का नियोजन रद्द करते हुये इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है. साथ ही इन्हें विद्यालयों से भी तत्काल प्रभाव से मुक्त करने का निर्देश दे दिया है. पूरी कार्रवाई जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने की है.
Appointment Canceled: योग्यता पर उठाए सवाल
जिन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है,उनमे अपूर्वा दुबे, फैयाजुल हक, मधु कुमारी, साधना विश्वकर्मा, शांभवी पटेल और अर्चना मिश्रा शामिल है. ये सभी शिक्षक कक्षा 9-10, 11-12, 1-5 क्लास के छात्रों को पढ़ाने के लिए नियुक्त किए गए थे. उनकी योग्यता पर सवाल उठाते हुए शिक्षा विभाग ने नियुक्ति को रद्द कर दिया है.
Appointment Canceled: नहीं थीं एसटीईटी उत्तीर्ण
शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए पत्र के अनुसार अपूर्वा दुबे को माध्यमिक शिक्षक के लिए गणित विषय में नियुक्ति की गई थी. अपूर्वा दुबे की नियुक्ति रद्द करने की वजह CTET उत्तीर्ण है, जबकि कक्षा 9 और 10 में शिक्षक के लिए STET होना अनिवार्य है. उत्तर प्रदेश के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षित कोटि में उनकी नियुक्ति हुई है.
कंप्यूटर की डिग्री की जगह डिप्लोमा
वहीं, फैयाजुल हक प्लस-टू विद्यालय में गणित विषय के शिक्षक में नियुक्त हुए थे. इनके द्वारा CTET उत्तीर्ण होने का सर्टिफिकेट दिया गया है, जो मान्य नहीं है. वहीं, मधु कुमारी की प्लस-टू विद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान शिक्षक के रूप में नियुक्ति की गई थी. इनके द्वारा कंप्यूटर विज्ञान में डिप्लोमा डिग्री प्राप्त की गई है. स्नातक एवं स्नातक एवं स्नातकोत्तर उत्तीर्ण नहीं है.
कोटे में हुआ था चयन, जांच के बाद रद्द
वहीं, साधना विश्वकर्मा माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 9 और 10 की शिक्षक थी. लोहार जाति से अनुसूचित जनजाति कोटि में चयन हुआ था. जबकि लोहार जाति अनुसूचित जनजाति कोटि में नहीं आती है. इसलिए इनकी नियुक्ति को भी रद्द कर दिया गया है.
प्राथमिक विद्लाय में बीएड डिग्री मान्य नहीं
शाम्भवी पटेल प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से पांचवी तक की शिक्षक में नियुक्त थी. इनके द्वारा बी.एड योग्यता धारी प्रमाण-पत्र दिया गया है, जो कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा के लिए मान्य नहीं है. इसलिए इनकी नियुक्ति को रद्द किया गया है.
पहले एसटीईटी फिर बीएड किया उत्तीर्ण
अर्चना मिश्रा के बारे में शिक्षा विभाग द्वारा कहा गया है कि हिंदी विषय में कक्षा 9 और दसवीं की शिक्षक थीं. इनके द्वारा STET उत्तीर्ण का प्रमाण- पत्र 2019 का दिया गया है और बीएड उत्तीर्ण का प्रमाण-पत्र 2021 का दिया गया है, जो मान्य नहीं है. विभाग ने कहा है कि एसटीईटी की परीक्षा के दो साल बाद B.Ed पास आउट हैं, ऐसे अभ्यर्थी को नियुक्ति पर रहना संभव नहीं है.
प्रामण पत्रों की जांच जारी
शिक्षा विभाग की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद नवनियुक्त बीपीएससी के शिक्षकों में हड़कंप मचा है. विभाग का कहना है कि अन्य शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है. जिनकी गड़बड़ी पाई जाएगी, उनका नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया जाएगा.
रिपोर्टः प्रदीप शर्मा, संवाददाता, गोपालगंज, बिहार
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