
Sowing of cotton : पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य सरकार के फसल विविधिकरण से जुड़े प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है क्योंकि नरमे की खेती के तहत क्षेत्रफल में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले साल 2.49 लाख एकड़ क्षेत्र में नरमा बोया गया था, जो इस साल बढ़कर 2.98 लाख एकड़ हो गया है. यानी 49,000 एकड़ से अधिक का इज़ाफ़ा दर्शाता है.
60,121 हेक्टेयर रकबे के साथ नरमे की खेती में सबसे आगे
सोमवार शाम किसान भवन, चंडीगढ़ में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, जो खरीफ सीजन और विभागीय परियोजनाओं की समीक्षा हेतु बुलाई गई थी, स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि फाजिल्का जिला 60,121 हेक्टेयर रकबे के साथ नरमे की खेती में सबसे आगे है. इसके बाद मानसा (27,621 हेक्टेयर), बठिंडा (17,080 हेक्टेयर) और श्री मुक्तसर साहिब (13,240 हेक्टेयर) का स्थान है.
कृषि मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार किसानों को नरमे के बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करेगी, जिसके लिए 49,000 से अधिक किसान पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं. उन्होंने सभी मुख्य कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 जून तक सभी कपास उत्पादक किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए.
9 दिनों में ही 54,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मक्का बोई
स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने खरीफ सीजन की मक्के की बुवाई को लेकर भी संतोष प्रकट किया, क्योंकि 1 जून से बुवाई शुरू होने के बाद केवल 9 दिनों में ही 54,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मक्का बोई जा चुकी है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा धान की जगह मक्का उगाने वाले किसानों को 17,500 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत छह जिलों — बठिंडा, संगरूर, पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर और कपूरथला को शामिल किया गया है. इस परियोजना का उद्देश्य 12,000 हेक्टेयर क्षेत्र को खरीफ मक्के की खेती के अधीन लाना है ताकि फसल विविधिकरण को बढ़ावा दिया जा सके और भूमिगत जल की रक्षा की जा सके. इस बदलाव को सुचारू रूप से लागू करने हेतु राज्य सरकार ने किसानों को मार्गदर्शन और प्रेरित करने के लिए 200 किसान मित्रों की तैनाती की है.
किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री उपलब्ध
राज्य के कृषि क्षेत्र में सकारात्मक रुझान देखे जा रहे हैं और ये आंकड़े किसानों के सामूहिक प्रयासों तथा राज्य सरकार की फसल विविधिकरण और कृषि उत्पादकता बढ़ाने की पहलकदमियों को दर्शाते हैं. कृषि मंत्री ने धान की सीधी बुवाई (डी.एस.आर.), खादों की उपलब्धता और अन्य परियोजनाओं की स्थिति का भी जायजा लिया और जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री उपलब्ध करवाई जाए, क्योंकि किसानों के हितों की रक्षा करना पंजाब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस बैठक में कृषि विभाग के प्रशासनिक सचिव डॉ. बसंत गर्ग, विशेष सचिव बलदीप कौर, कृषि आयुक्त बबीता, निदेशक जसवंत सिंह और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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