Madhya Pradesh

पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नष्ट करने का मामला, SC ने जनहित याचिका सुनने से किया इनकार

Indore : इंदौर के रहने वाले चिन्मय मिश्रा ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को भोपाल से लाकर पीथमपुर में जलाने पर रोक की मांग की थी। चिन्मय मिश्रा का कहना था कि इलाके के लोगों से सलाह नहीं ली गई थी।

मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नष्ट करने के खिलाफ याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने इवकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मामला पहले से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चल रहा है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इसे नई जनहित याचिका के तौर पर सुन सकता हैं। याचिकाकर्ता या तो हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करे या हाई कोर्ट जाकर वहां लंबित मामले में अपनी बात रखे।

जलाने पर रोक की मांग की थी

इंदौर के रहने वाले चिन्मय मिश्रा नाम के याचिकाकर्ता ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को भोपाल से लाकर पीथमपुर में जलाने पर रोक की मांग की थी। इस याचिका में कहा गया था कि मामले में पीथमपुर के लोगों से सलाह नहीं ली गई है। कचरे को नष्ट करने से पीथमपुर में रेडिएशन का खतरा हो सकता है अगर रेडिएशन फैलता है तो उससे प्रभावित लोगों की चिकित्सा की सुविधा भी उस इलाके में नहीं है।

पीथमपुर में कड़ा विरोध हो रहा है

साल 1984 में भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली मिथाइल आइसोनेट गैस लीक हुई थी इससे आठ हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही हजारों लोग अपंगता, अंधेपन और दूसरी विकृतियों के शिकार हुए थे। यूनियन कार्बाइड का औद्योगिक कचरा 40 साल से वहीं पड़ा है। तीन दिसंबर, 2024 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने चार सप्ताह में औद्योगिक कचरा भोपाल से डिस्पोजल साइट पर पहुंचाने का आदेश दिया था इसे लेकर धार जिले के पीथमपुर में कड़ा विरोध हो रहा है।

वकील ने याचिका वापस ले ली

सुप्रीम कोर्ट में मामला जस्टिस अभय एस ओका और उज्ज्वल भुइयां की बेंच में लगा जजों ने कहा कि याचिकाकर्ता अगर हाई कोर्ट के आदेश से प्रभावित है तो उसे चुनौती दे। यह मामला नई याचिका के रूप में सुप्रीम कोर्ट में नहीं रखा जा सकता इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस ले ली।

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