
Claustrophobia : हम सभी को किसी न किसी से डर लगता है और यह बहुत ही स्वाभाविक है। किसी को उंची जगह से, खून से, पानी से, सार्वजनिक स्थान से तो किसी को अंधेरे से डर लगता है। उसी प्रकार क्लॉस्ट्रोफोबिया भी एक ऐसा फोबिया है जिसमें व्यक्ति को किसी बंद या छोटी जगह पर जाने से डर लगता है।
क्लॉस्ट्रोफोबिया एक प्रकार का मानसिक विकार है। इसमें व्यक्ति को किसी बंद या छोटी जगह पर जाने या रहने से घबराहट होने लगती है। जिससे वह बच कर भागने की कोशिश करते हैं। उन्हें लगता है कि वह उस जगह पर फस जाएंगे, और वहां से निकलना संभव ही नहीं है। यहां तक कि क्लॉस्ट्रोफोबिया से ग्रस्त लोग छोटी या बंद जगह के बारे में सोच कर भी घबरा जाते हैं।
क्लॉस्ट्रोफोबिया के लक्षण
क्लॉस्ट्रोफोबिया से ग्रस्त व्यक्ति जब किसी ऐसी जगह पर जाते हैं, जो छोटी हो या फिर जहां वह अकेले बंद हो, उस स्थिती में वह इतना डर जाते हैं कि पैनिक अटैक के शिकार भी हो सकते हैं। ऐसा देखा जाता है की छोटे कमरे, एमआरआई मशीन या लिफ्ट जैसी जगहों पर जाने से उन्हें शरीर में कंरकंपी, गला सूखना, बेहोशी की स्थिति होना, घबराहट, सर दर्द और तेज पसीने आने जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है।
क्लॉस्ट्रोफोबिया का निदान
बहुत से लोग जो कभी क्लॉस्ट्रोफोबिया के शिकार नहीं हुए या जो इसके बारे में नहीं जानते, वह जानकारी न होने के कारण क्लॉस्ट्रोफोबिया से ग्रस्त व्यक्ति को बीमार या फिर पागल भी समझ लेते हैं। मगर, क्लॉस्ट्रोफोबिया बीमारी नहीं केवल एक प्रकार का मानसिक विकार है। जब भी आप इस स्थिति में हों तो खुद को शांत करने की कोशिश करें। धीरे – धीरे लंबी सांस लें। इधर – उधर भागें न, और एक जगह पर खड़े हो जाएं। खुद को याद दिलाते रहें कि यह वास्तव में नहीं है, सकारात्मक सोचने की कोशिश करें।
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