
Aquaphobia : फोबिया एक तरह का चिंता विकार होता है। इस में व्यक्ति को ऐसी किसी स्थिति, स्थान या घटना का डर शामिल होता है जो कि वास्तव में होता ही नहीं है या फिर हानिकारक नहीं होता। ऐसे ही एक्वाफोबिया भी एक प्रकार का फोबिया है। जो कि पानी से डर की प्रतिक्रिया होती है।
क्यों होता है चिड़चिड़ाहट
ज्यादा मात्रा में पानी या ठंडे गर्म पानी से डर लगना सामान्य बात है। एक्वाफोबिया पानी से डर लगने की बिमारी है। इस बिमारी में पानी की मात्रा भूमिका नहीं निभाती। जिस से व्यक्ति पानी की बहुत कम मात्रा से भी डर जाता है। एक्वाफोबिया से ग्रस्त लोग अपने आम जीवन में चिड़चिड़े रहते है क्योंकि उनके आस – पास पानी रहता है। एक्वाफोबिया के चलते जब व्यक्ति के पास पानी होता है तो वह भयावह विचारों से घिर जाता है। पानी से संबंधित नकारात्मक विचार आते है।
एक्वाफोबिया में लोग नहाने, दाँत ब्रश करने, पूल में जाने, अपना चेहरा धोने और पानी से जुड़े कामों को करने से बचते हैं। इनमे से कई लोगों ने दर्दनाक अनुभव किए हैं। जिस व्यक्ति को एक्वाफोबिया होता है उनके लिए आम जीवन जीना भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि पानी के बिना बहुत से काम नहीं हो पाते। ऐसे में उन्हें किसी न किसी वजह से पानी का उपयोग करना ही पड़ता है। पानी को देख कर नकारात्मक विचार आने की वजह से वह चिड़चिड़े रहते है। पानी को पूरी तरह से जीवन से निकालना असंभव है। जिस कारण यह बिमारी लगातार बड़ती जाती है।
एक्वाफोबिया के लक्ष्ण
पानी के बारे में सोच कर चिंतित होना।
पसीना आना।
चक्कर आना।
सांस लेने में दिक्कत होना।
पैनिक होना।
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