ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी के तहत स्टार्टअप को भी बढ़ावा देगी योगी सरकार,1.20 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार।

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Green Hydrogen Policy Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए,योगी सरकार अधिकतम 25 लाख रुपए प्रतिवर्ष प्रदान करेगी। 5 वर्ष के लिए वैद्य होगी पॉलिसी, हाइड्रोजन उद्योग लगाने वालों को योगी सरकार देगी विभिन्न तरह के लाभ और प्रोत्साहन।
लखनऊ, 5 मार्च : ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी के तहत योगी सरकार उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप को भी बढ़ावा देगी। इसके अंतर्गत योगी सरकार उद्योग लगाने वालों को विभिन्न तरह के लाभ और प्रोत्साहन प्रदान करेगी। खासतौर पर ग्रीन हाइड्रोजन में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार अधिकतम 25 लाख रुपए प्रतिवर्ष प्रति स्टार्टअप 5 वर्षों तक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
इसके अतिरिक्त इंक्यूबेटर को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि,योगी कैबिनेट ने मंगलवार को ही ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को मंजूरी दी थी। पॉलिसी के तहत 5 वर्षों में 1,20,000 रोजगार सृजन की संभावना है। ग्रीन हाइड्रोजन नीति के संचालन में यूपीनेडा नोडल एजेंसी होगी।
Green Hydrogen Policy Uttar Pradesh: 30 वर्ष के लिए लीज पर मिलेगी भूमि।
ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 30 वर्ष अवधि हेतु ग्राम समाज, सरकारी भूमि पर लीज पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए लीज का मूल्य एक रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष होगा तथा निजी निवेशकों के लिए यह 15,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष होगा। यह भूमि अस्थानांतरणीय होगी और यदि आवंटन होने के 3 वर्ष की समयावधि में भूमि ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं हेतु उपयोग में नहीं लाई जाती है,तो भूमि अनिवार्य रूप से वापस ले ली जाएगी।
ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत यूपीनेडा द्वारा सिंगल विंडो पोर्टल को निवेश मित्र से इंटरलिंक किया जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को पर्यावरण अनापत्ति हेतु व्हाइट कैटेगरी स्टेटस प्रदान किया जाएगा। प्रदेश सरकार भूमि बैंक एवं जल की उपलब्धता हेतु आंकड़े तैयार करेगी एवं संभावित निवेशकों को आवश्यकतानुसार भूमि, जल एवं विद्युत पारेषण त्रंत उपलब्ध करवाने में सहयोग प्रदान करेगी।
Green Hydrogen Policy Uttar Pradesh: 2 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की भी होगी स्थापना।
ग्रीन हाइड्रोजन एवं इसके उत्पादों की उत्पादन लागत घटाने एवं नवीनतम तकनीकी विकास हेतु 2 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी । जिसमें शासकीय शैक्षणिक संस्थानों को 100 प्रतिशत एक मुश्त वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में अधिकतम 50 करोड़ रुपए तक दिया जाएगा। भारत सरकार द्वारा समय समय पर उपलब्ध कराए गए प्रोत्साहन इस नीति के प्राविधानिक प्रोत्साहन के अतिरिक्त माने जाएंगे एवं अनुमन्य होंगे।
प्रदेश में वर्ष 2028 तक ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया एक मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता का लक्ष्य है। कुल 5 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय प्राविधान इस नीति के क्रियान्वयन में किया जाएगा।
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