CM योगी: पर्यावरण को स्वच्छ रखना सरकार की ही नहीं जनता की भी है जिम्मेदारी

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उत्तर प्रदेश के कई शहरों में, खासकर दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण खतरनाक है। यह शहर एक गैस चैम्बर बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंजाब और हरियाणा पर खतरनाक हवा की हानि का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले ही पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली समेट 5-6 राज्यों को प्रदूषण पर नोटिस भेजा था। मैं बुधवार को दिल्ली जाते समय गाजियाबाद में प्लेन से उतरा और बाहर निकला, तो मेरी आंखों में जलन होने लगी और मुझे एहसास हुआ कि ऐसा धुंध के कारण हुआ।

CM योगी ने प्रदूषण को लेकर क्या कहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी वजह पता लगाने के लिए उन्होंने नासा के सैटेलाइट चित्रों को देखा और पाया कि पूरा पंजाब और हरियाणा का उत्तरी हिस्सा “लाल” था। जब इन राज्यों से हवा चली, तो दिल्ली अंधेरे में ढकी हुई थी। इसकी वजह से गाजियाबाद, नोएडा सहित कई जिले प्रभावित हुए।

उन्होंने कहा कि पराली पर्यावरण और धरती की उर्वरा शक्ति को खतरा बना रही है क्योंकि कृषि क्षेत्र में विकास और समय के अनुरूप तकनीकी का विकास नहीं हुआ है। यदि कम्बाइन के साथ रैपर भी लगाया जाता तो पराली के छोटे टुकड़े मिट्टी में घुलकर ग्रीन कम्पोस्ट बन जाते। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, उनका स्वच्छ भारत मिशन, जो ग्रामीणों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करता है, पर्यावरण के प्रति उनकी चिंता का प्रतीक है।

पर्यावरण की रक्षा करना सरकार और जनता दोनों की जिम्मेदारी

CM योगी शुक्रवार 2 नवंबर को दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ‘पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सतत ग्रामीण विकास’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर रहे थे। महाविद्यालय के भूगोल विभाग, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से इस संगोष्ठी को आयोजित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि पर्यावरण जल, भूमि, जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों का समन्वित रूप है। यदि भूमि रहने लायक न रहे, जल पीने लायक न रहे, जीवों का अस्तित्व संकट में रहे तो प्रौद्योगिकी का क्या महत्व रहेगा? पर्यावरण संबंधी समस्याएं सरकारों या संस्थानों पर छोड़ दी जाती हैं।

जैसे, नगरों में कूड़ा प्रबंधन को नगरीय निकायों की जिम्मेदारी मान लिया जाता है, जबकि यह अधिकांश नागरिकों की जिम्मेदारी है। साथ ही, प्रौद्योगिकी के योगदान को बेहतर कैसे बनाएं। पर्यावरण की रक्षा करना समाज और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है। अपनी प्रौद्योगिकी का उपयोग करें। इसके लिए नई प्रौद्योगिकी को विदेशी तकनीकी से मिलाकर अपनाना होगा और उसे स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल बनाना होगा।

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