मरीज को चढ़ाया एक्सपायरी डेट का ग्लूकोज, मौत

Death in Hospital

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Death in Hospital: औरंगाबाद का सदर अस्पताल सुर्खियों में है लेकिन चर्चा का विषय अस्पताल की सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। आरोप है कि यहां मरीज को एक्सपायरी डेट का ग्लूकोज चढ़ा दिया गया। इसके बाद मरीज की मौत हो गई। अब मामले में जहां पीड़ित पक्ष अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगा रहा है तो वहीं अस्पताल प्रबंधन भी अपनी सफाई दे रहा है।

Death in Hospital: देव थाना निवासी था मरीज

आरोप है कि मेल वार्ड में भर्ती मरीज शिवकिंकर प्रसाद सिंह(75) को एक्सपायरी डेट का लिक्विड ग्लूकोज चढ़ाया गया।। इससे मरीज की मौत हो गई। मृतक देव थाना का निवासी था।

Death in Hospital: परिजनों ने ड्यूटी नर्स पर लगाया आरोप

परिजनों ने वार्ड में ड्यूटी नर्सो पर लापरवाही का आरोप लगाया है। दरअसल, मरीज शिवकिंकर प्रसाद सिंह को लूज मोशन की शिकायत थी। परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज करवाने आए मरीज को ग्लूकोज की एक्सपायरी डेट वाली बोतल चढ़ा दी गई। लगभग 70 प्रतिशत ग्लूकोज मरीज को चढ़ा दी गई। इसके बाद अचानक मरीज के परिजनों की नजर बोतल की एक्सपायरी डेट पर पड़ी।

Death in Hospital: अस्पताल प्रबंधक ने कही जांच की बात

परिजन लापरवाही का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि नर्स द्वारा बिना देखे एक्सपायरी डेट वाली ग्लूकोज चढ़ा दिया गया। जिसकी जांच की जा रही है। एक्सपायरी तिथि 30 सितंबर 2023 थी। हालांकि चिकित्सक के अनुसार इससे मरीज के स्वास्थ्य पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा होगा लेकिन लापरवाही की गई है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

अंधेर नगरी, चौपट राजा वाले हालात- अनिल कुमार

मामले में भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य अनिल कुमार सिंह ने कहा कि अंधेर नगरी चौपट राजा का एक और उदाहरण है। जब राजद का पहला 15 साल का शासन काल था। उस समय अस्पताल में कुत्ते सोते थे। अब मरीज को एक्सपायरी ग्लूकोज चढ़ाया गया है। आरजेडी के कार्यकाल में सीरिया और पूर्व के अफगानिस्तान सी हालत होने वाली है। तेजस्वी यादव को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। वह निर्लज हैं कभी इस्तीफा नहीं देंगे। बिहारवासी बेवसी की मौत मरने को मजबूर है।

Death in Hospital: सिविल सर्जन ने जाहिर की अनिभिज्ञता

इस बारे में जब सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने मामले से अभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आने पर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी लगते रहे हैं आरोप

ज्ञात हो कि सदर अस्पताल में लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। अक्सर ऐसे लापरवाही अस्पताल से सामने आते रहे हैं। पहले भी अस्पताल में नवजात शिशु की मौत, एंबुलेंस न मिलने और फर्श पर इलाज करने जैसे आरोपों के मामले समाने आते रहे हैं।

रिपोर्टः दीनानाथ माऔर, औरंगाबाद, बिहार

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