UP News: बच्चियों ने ‘महाबुलिया’ निकालकर शहीदों और नवजात बच्चों का किया श्राद्ध

UP News: यूपी के बुंदेलखंड (Bundelkhand) इलाके में एक अनोखी परंपरा मनाई जाती है। दरअसल, यहां छोटी बच्चियां “महाबुलिया” निकालकर शहीदों, नवजात बच्चों और सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों का श्राद्ध करतीं हैं। वे कटीली झाड़ियों के कांटो में रंगीन फूल सजाकर तर्पण करने की अनोखी परम्परा निभाती हैं। इसमें बच्चियां कांटों में फूल सजाकर समूह में जाती हैं और नदियों, तालाबों, सरोवरों में उनका श्राद्ध करती हैं।
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हमीरपुर (Hamirpur) जिले के भैंसमरी गांव में आज यानी (13 अक्टूबर) इस अनोखी परंपरा के तहत गांव की ढेर सारी बच्चियों ने ‘महाबुलिया’ निकालकर आत्माओं की शांति के लिए तर्पण किया है। ये सभी बालिकाएं पंचायत भवन से कांटों में फूल सजाकर समूह में निकलीं और अमृत सरोवर पर जाकर श्राद्धांजलि दी। इसके बाद सभी बालिकाओं ने जमकर नृत्य किया और फिर प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम के आयोजक ने बताया कि महाबुलिया द्वापर काल में भगवान श्रीकृष्ण के जमाने की प्राचीन परंपरा है। जिसमें आक्रांता कंश द्वारा अबोध बालकों का वध किया गया था। जिनकी आत्माओं की शांति के लिए कृष्ण ने बाल-गोपालों के साथ तर्पण किया था। तब से यह परंपरा चली आ रही है।
बुंदेलखंड के हैं अपने अलग रीति-रिवाज और परंपराएं
बुंदेलखंड इलाके के सभी सातों जिलों हमीरपुर(Hamirpur), महोबा(Mhoba), बांदा(Banda), चित्रकूट(Chitrakut), जालौन(Jalaun), झांसी(Jhansi) और ललितपुर(Lalitpur) जिले में पितृपक्ष के मौके पर हर गांव में ‘माबुलिया’ मनाई जाती है । इस इलाके के हर गांव में शाम के वक्त छोटी बालिकाएं कांटों में फूल सजाकर समूह में श्राद्ध करने जाती हैं। आपको बता दें कि बुंदेलखंड के अपने अलग रीति-रिवाज और परंपराएं हैं। जिनकी चर्चा पूरे देश में होती रहती है।
(हमीरपुर से आनन्द अवस्थी की रिपोर्ट)
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