
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विभिन्न कलाकारों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र वितरित किए।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से आज प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का आरंभ हो रहा है। हाथ के हुनर से, औजारों से, परंपरागत रूप से काम करने वाले लाखों कारीगारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर आ रही है। इसके साथ ही देश को इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर ‘यशोभूमि’ भी मिला है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार अपने विश्वकर्मा भाई-बहनों का सम्मान बढ़ाने, उनका सामर्थ्य बढ़ाने और उनकी समृद्धि बढ़ाने के लिए एक सहयोगी बनकर आगे आई है। पीएम ने कहा कि आजकल हम देखते हैं कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट बनाने के लिए अपना काम दूसरी छोटी-छोटी कंपनियों को देती हैं। ये विश्व में एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। आउटसोर्सिंग का काम भी हमारे विश्वकर्मा साथियों के पास आए, आप बड़ी सप्लाई चेन का हिस्सा बनें। हम इसके लिए आपको तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
दुनिया में कॉन्फ्रेंस पर्यटन बढ़ रहा है, जिसमें भारत के लिए असीमित संभावनाएं हैं। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म इंडस्ट्री दुनिया में 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। दुनिया में हर साल 32,000 से ज्यादा बड़ी प्रदर्शनियां और एक्सपो होते हैं। दो से पांच करोड़ की आबादी वाले देश भी इसकी व्यवस्था करते हैं, हमारी आबादी 140 करोड़ है… कॉन्फ्रेंस पर्यटन के लिए आने वाले लोग सामान्य पर्यटकों की तुलना में अधिक पैसा खर्च करते हैं… इस उद्योग में भारत की भागीदारी केवल 1% है… आज का नया भारत कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि कुछ दिन पहले हमने देखा कि कैसे भारत मंडपम को लेकर दुनिया भर में चर्चा हुई है। ये इंटरनेशनल एक्जीबिशन सेंटर-यशोभूमि इस परंपरा को और भव्यता से आगे बढ़ा रहा है। मुझे विश्वास है कि भारत मंडपम हो या यशोभूमि ये भारत की भव्यता और भारत की श्रेष्ठता का प्रतीक बनेंगे। भारत अब रूकने वाला नहीं है। हमें चलता रहना है। नए लक्ष्य बनाते रहना है और उन्हें पाकर ही चैन से बैठना है।