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Manipur: ‘मणिपुर को तीन केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने से हिंसा रुक सकती है’- बीजेपी विधायक

Manipur: उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर करीब पिछले 3 महीने से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। महिलाओं को नर्रवस्त्र कर उनकी परेड करने का वीडियो जब से सामने आया है। तभी से लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज होती नजर आई है। अब इस पर कुकी नेता और भाजपा विधायक पाउलेनलाल हाओकिप का कहना है कि मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए राज्य को तीन केंद्र शासित प्रदेशों में बांट देना चाहिए।

 पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में हाओकिप ने मणिपुर के जातीय अलगाव को राजनीतिक और प्रशासनिक मान्यता देने की वकालत की है। बता दें कि कुकी समुदाय के नेता पहले भी कुकी जनजाति के लोगों के लिए अलग प्रशासन की मांग कर चुके हैं। भाजपा विधायक की ये मांग भी एक तरह से कुकी नेताओं की अलग राज्य की मांग को समर्थन है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह किसी भी बंटवारे की मांग का विरोध कर चुके हैं। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, केंद्र सरकार भी राज्य के बंटवारे के समर्थन में नहीं है। हाओकिप के सुझाव के आलोचकों का कहना है कि बंटवारे से राज्य में कुकी, मैतई और नागा जनजाति के अलग-अलग क्षेत्र बन जाएंगे लेकिन जिन जगहों पर मिश्रित आबादी है, वहां काफी परेशानी होगी।

160 से ज्यादा की मौत

आपको बता दें मणिपुर में जातीय हिंसा की शुरुआत 3 मई को हुई थी जो अब तक जारी है इस हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई है और कई लोग घायल हो चुके है। लोगों को विस्थापन करना पड़ रहा है। राज्य में मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और यह अधिकतर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं नागा और कुकी जनजाति के लोगों की संख्या कुल आबादी की 40 प्रतिशत है और यह राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।

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