Uttarakhand: मॉक ड्रिल से परखी जाएंगी आपदा राहत की तैयारियां

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चारधाम यात्रा के दौरान किसी आपात स्थिति में राहत और बचाव की तैयारियों को परखने के लिए 20 अप्रैल को मॉक अभ्यास किया जाएगा। NDMA के सहयोग से होने वाले मॉक अभ्यास में प्रशासन के साथ सेना और अर्धसैनिक बलों और वायुसेना का समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा।

22 अप्रैल से शुरू होने जी रही चारधाम यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज होगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने यात्रा की जरूरी व्यवस्थाओं के साथ ही किसी आपात स्थिति के मद्देनजर भी पूरी तैयारी के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, NDMA के सहयोग से 20 अप्रैल को मॉक ड्रिल आयोजित करने जा रहा है। मॉक ड्रिल के जरिए चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी प्राकृतिक या मानव जनित घटना होने पर जान-माल और पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को किसी नुकसान से बचाव की तैयारियों को परखा जाएगा। साथ ही कोई घटना होने पर शासन, जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ सेना,NDRF,SSB, ITBP, CISF, CRPF और वायुसेना का आपस में समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा।

मॉक ड्रिल के मद्देनजर NDMA के अधिकारियों ने बैठक कर सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ ही मौसम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, दूरसंचार विभाग के अफसरों को जरूरी निर्देश दिए हैं। चारधाम यात्रा मार्ग के 7 जिलों के चमोली, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी के वरिष्ठ अधिकारियों को भी जरूरी जानकारी दी गई। बैठक में बाढ़, आग, सड़क दुर्घटना या स्वास्थ्य सम्बन्धी आपात स्थिति से निपटने के लिये जिल और विभागीय स्तर पर तैयारियों के बारे में प्रेजेंटेशन दिया गया।

प्रेजेंटेशन के बाद NDMA के अधिकारियों ने तैयारियों को और बेहतर बनाने के लिए जरूरी सुझाव दिये। साल 2022 की चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी कारणों और दुर्घटनाओं में 350 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। जिनमें से ज्यादातर की मौत स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हुई। ऐसे में इस बार यात्रा में किसी आपात स्थिति में राहत और बचाव का काम तेज गति से हो, इसकी तैयारियों को मॉक ड्रिल के जरिए परखा जाएगा।

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