MP में 10 साल में मार्च में सबसे कम गर्मी, टेंप्रेचर 34 डिग्री पर ठहर गया

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मध्यप्रदेश में पिछले 10 साल के मुकाबले इस साल मार्च महीने में गर्मी से राहत है। अब आखिरी सप्ताह में भी तेज गर्मी की उम्मीद नहीं है। प्रदेश के चारों बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच है। इससे पहले फरवरी महीने में तेज गर्मी पड़ना शुरू हो गई थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार मार्च महीने में भीषण गर्मी पड़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

आमतौर पर मार्च महीने में होली के बाद गर्मी शुरू हो जाती है। पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो अमूमन मार्च के आखिरी सप्ताह में चारों बड़े शहरों में तेज गर्मी पड़ी भी है। जबलपुर में और भोपाल-ग्वालियर में टेंप्रेचर 41 डिग्री सेल्सियस तो इंदौर में 40 डिग्री तक चला गया था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मार्च में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से मौसम में ठंडक घुली रही।

ओले गिरे और बारिश भी हुई। अब आखिरी सप्ताह में तापमान बढ़ने की संभावना कम ही है, क्योंकि एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हो रहा है। इससे गर्मी से बड़ी राहत मिलेगी।MP में 10 साल में मार्च में सबसे कम गर्मी:टेंप्रेचर 34 डिग्री पर ठहर गया; आखिरी सप्ताह में भी गर्मी से राहत

भोपाल में दिन का तापमान 32 डिग्री से ज्यादा है। आखिरी सप्ताह में यह 38 डिग्री तक पहुंच जाता है।
मध्यप्रदेश में पिछले 10 साल के मुकाबले इस साल मार्च महीने में गर्मी से राहत है। अब आखिरी सप्ताह में भी तेज गर्मी की उम्मीद नहीं है। प्रदेश के चारों बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच है। इससे पहले फरवरी महीने में तेज गर्मी पड़ना शुरू हो गई थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार मार्च महीने में भीषण गर्मी पड़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

आमतौर पर मार्च महीने में होली के बाद गर्मी शुरू हो जाती है। पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो अमूमन मार्च के आखिरी सप्ताह में चारों बड़े शहरों में तेज गर्मी पड़ी भी है। जबलपुर में और भोपाल-ग्वालियर में टेंप्रेचर 41 डिग्री सेल्सियस तो इंदौर में 40 डिग्री तक चला गया था।

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