
छठ पर्व की शुरुआत इस वर्ष 28 अक्टूबर,2022 (Chhath Puja 2022) से हो रही है। छठ व्रत विशेष रूप से पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं/पुरुष निर्जल व्रत करते हैं। कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय होता है, इसके बाद दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।छठ पूजा में सामग्री का संपूर्ण ज्ञान होना अति आवश्यक है तब ही छठ व्रत पूर्ण होता है। छठ व्रत सामग्री का बहुत महत्व होता है।
षष्ठी देवी, छठ माई या कहें कि सूर्य षष्ठी के अवसर पर पूजन में कोई भी कमी नहीं रहना चाहिए। यहां प्रस्तुत है 5 ऐसी महत्वपूर्ण सामग्री जिनके बिना पर्व की परंपरा अधूरी मानी जाती है। पूजा का फल भी पूरा नहीं मिलता…
बांस की टोकरी और सूप (Chhath Puja 2022)
इसके अलावा बांस की टोकरी लेने होती है। इस टोकरी में सारा सामान रखकर घाट पर जाते हैं। आपके पास जो सामग्री है उसके हिसाब से इसे खरीद सकते हैं। इसके साथ सूप लेना होता है। ये सारी चीजें बेहद जरूरी है। अर्घ्य देने के वक्त इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
ठेकुआ
दूसरी चीज होती है ठेकुआ होता है। गुड़ और गेहूं के आटे से बना ठेकुआ छठ पर्व का प्रमुख प्रसाद होता है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
गन्ना
कई जगहों पर छठ पूजा में शाम के समय आंगन में गन्ने का घर बनाकर उसके नीचे हाथी रखकर छठ मैय्या की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से छठ मैया सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करती है। गन्ना का आवरण सख्त होता है, जिसे पशु-पक्षी इसको जूठा नहीं कर पाते। इसकी पवित्रता की वजह से छठ मैय्या को गन्ना अतिप्रिय है।
केला
छठ पूजा में केला का प्रसाद के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। छठ में केले का पूरा गुच्छा छठ मइया को भेंट किया जाता है।
सुपारी, सिंदूर और पीथार
सुपारी के बिना पूजा अधूरी है। पांच से छह सुपारी की पूजा में जरूरत होती है। पूजा के लिए हल्दी और सिंदूर चाहिए। कच्चे चावल को पीसा जाता है जिसे पीथार कहते हैं। इसे हर सूप और पूजन सामग्री पर लगाया जाता है। ये भी छठ पूजा की पूजन सामग्री और विधि में जरूरी माना जाता है। इसके अलावा चंदन, कपूर और कलावा भी होते हैं।