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अब दिल्ली हाई कोर्ट करेगा अग्निपथ योजना पर फैसला, SC ने ट्रांसफर की याचिकाएं 

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सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना सुनवाई को लेकर अपने आदेश में कहा- एक विषय पर कई याचिकाएं न तो जरूरी हैं और न ही उचित।

अग्निपथ योजना
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अग्निपथ योजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोई सुप्रीम कोर्ट आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते कहा कि इस मामले लंबित पड़े सारे केस अपने पास ट्रांसफर कर लें।

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इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ए.एस. बोपन्ना की बेंच ने केरल, पंजाब एवं हरियाणा, पटना और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में भी इस योजना के खिलाफ दायर की गईं सभी जनहित याचिकाओं को लेकर आदेश दिया है कि जब तक दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में कोई फैसला नहीं देता है, तब तक इस पर उन याचिकाओं पर कोई फैसला ना दें या उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट को ही ट्रांसफर कर दें।

गौरतलब है कि अग्निपथ योजना पर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी हुई थी, जिसमें इसे रद्द करने जैसी मांगें थी। लेकिन, सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी मिली कि पटना से लेकर केरल तक पांच हाईकोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं।

अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें इस योजना पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की थी कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं उन पर ये योजना लागू नहीं की जानी चाहिए। वहीं अग्निवीर स्कीम पर संसद से कोर्ट तक मामला गरमाया हुआ है। संसद के दोनों सदनों में इस स्कीम को वापस लेने की विपक्ष मांग कर रहा है। 

14 जून के केंद्र ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया था। इसके तहत 17.5 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाना था। इस योजना के सामने आते ही देश के कई राज्यों में जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

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