Uttar Pradesh

UP में आजादी के 75 साल बाद भी दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

सोनभद्र: देश में आज भी कई क्षेत्र ऐसे है जहां के लोगों को गंदा पानी पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि स्वच्छ पानी को लेकर सरकार केई तरह के अभियान आज भी चला रही है। लेकिन फिर भी कई क्षेत्रों में ये सारे अभियान आज भी बेकार ही साबित होते हुए नजर आ रहे है। बता दें ठीक ऐसे ही उत्तर प्रदेश के सोनभद्र से खबर सामने आ रही है। जहां पर सोनभद्र के सेंदुर मकरा गांव के कठहवा में आज भी लगभग 30 परिवार दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।

दूषित पानी  कि वजह से बीते छह महीने पहले इसी गांव में 32 लोगों की मौत कि खबर सामने आई थी। हालांकि इस बात को लेकर जिला प्रशासन ने कहा था कि ये मौत मलेरिया और दूषित पानी के कारण हुई है। बता दें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चल रहे हर घर नल योजना के बावजूद यहां पर लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराने के लिए अबतक कुछ भी नहीं किया गया है। प्रशासन गांव के लोगों की परेशानी सुनने को बिल्कुल तैयार नहीं है

दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में कठहवा के लोगों को आजादी के करीब 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। वहां के लोगों को बेसिक सुविधाएं पानी, राशन तक नहीं मिल पा रही है। इस गांव में सड़क नहीं होने से नेता, अधिकारी आमतौर पर यहां नहीं आते है। जिसके कारण ग्रामीण जलाशय का दूषित पानी पीने को मजबूर हो गए है।

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस से दुबारा संक्रमित हुए कार्तिक आर्यन, IIFA Awards में नहीं हो पाएंगे शामिल

ग्राम प्रधान ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की मगर कोई फायदा नहीं होता दिख रहा है। सेंदुर मकरा गांव में कई टोले हैं और उन सभी में आज भी पानी मुख्य समस्या बनी हुई है। उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए जाने के बावजूद भी अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि जब 6 महीने पहले 32 लोगों की मौत हुई थी तब जाके प्रशासन तक उनकी आवाज पहुंची और RO  का साफ पानी दिए जाने की बात कही गई थी। लेकिन काम तो हुआ आरओ मशीन लाकर रख दी गई है। लेकिन अब तक इसे चालू नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार आठ हजार से ज्यादा आबादी वाला यह गांव साफ पानी के लिए अभी तक तरस रहा है।

Related Articles

Back to top button