एयर इंडिया बेचने पर सरकार की शर्तें, विदेशी को न बेचने की शर्त पर डील करार

Share

नई दिल्ली: एयर इंडिया की घर वापसी की बात सोशल मीडिया पर चल रही है। टाटा समूह ने एयर इंडिया की नीलामी में सबसे अधिक 18000 करोड़ रुपये की बोली लगाई।  2018-19 में कंपनी को 4 हजार 424 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल घाटा हुआ था। 2017-18 में  भी कंपनी को 1245 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल घाटा हुआ।

एयर इंडिया के इस डील के तहत टाटा समूह द्वारा सरकार को इस डील में 2,700 करोड़ रुपये का कैश मिलेगा। अभी एयर इंडिया 4400 घरेलू उड़ानें और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है। बता दें अगस्त महीने तक एयर इंडिया का कुल कर्ज 61,652 करोड़ है जिसमें 15300 करोड़ का कर्ज टाटा चुकाया।

डील की शर्तें

सरकार ने एयर इंडिया को बेचते समय टाटा समूह के साथ कुछ शर्तों के साथ डील की है। सरकार के शर्तों के अनुसार टाटा समूह 5 साल तक एयर इंडिया को बेच नही सकती और इसके साथ ही सरकार ने एयर इंडिया को किसी विदेशी को न बेचने के शर्त पर डील करार किया है। टाटा समूह एयर एयर इंडिया के किसी कर्मचारी को एक साल तक हटा नही सकता है।

आगे के समय में भी अगर टाटा कर्मचारियों को हटाना चाहे तो उसे कर्मचारियों को VRS(स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) देना होगा। सरकार ने टाटा के साथ डील में ये शर्त भी रखी कि अगले एक साल तक एयर इंडिया का LOGO नही बदला जाएगा।